अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग शुरु!
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिनके खिलाफ महाभियोग की जांच शुरु की जा रही है. कि वो अपने राजनयिको को बदनाम कर रहे है. और ये राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के ख़िलाफ़ महाभियोग की जांच से जुड़ी पहली सार्वजनिक सुनवाई थी. जो कि बुधवार को वॉशिंगटन में हुई. जिसमें अमेरिका के शीर्ष राजनयिक बिल टेलर और जॉर्ज केंट हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स के सांसदों के सामने पेश होने वाले सबसे पहले गवाहों में शामिल हैं. जॉर्ज केंट अमरीका की यूक्रेन नीति के प्रभारी हैं.आपको बता दें. कि महाभियोग एक तरह की जांच है. जिसके ज़रिए अमरीकी राष्ट्रपति को उनके पद से हटाया जा सकता है.

बिल टेलर और जॉर्ज केंट डोनल्ड ट्रंप के वकील रूडी जूलियानी पर यूक्रेन में मौजूद अमरीकी राजनयिकों को बदनाम करने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने कहना ये भी है. कि जूलियानी के हमलों ने अमरीका और यूक्रेन के राष्ट्रीय हितों की अवहेलना की और दोनों देशों के रिश्तों को नुकसान पहुंचाया. इससे पहले हाउस ऑफ़ रिप्रजेंटेटिव्स के चेयरमैन एडम शिफ़ ने कहा कि जांच का विषय यह है. कि क्या अमरीकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन की कमज़ोरी का फ़ायदा उठाकर उसे अमरीकी चुनावों में दख़ल देने का न्योता दिया था. जिससे इस महाभियोग के नतीजे के तौर पर देखा जाएं तो अमरीकी राष्ट्रपति को उनके पद से हटाया जा सकता है. लेकिन ऐसा तभी होगा जब हाउस ऑफ़ रिप्रेजेंटेटिव्स उन पर महाभियोग लगाए और सीनेट उसे मंज़ूरी दे. अमरीका के इतिहास में चौथी बार महाभियोग की सुनवाई हो रही है. हालांकि, व्हाइट हाऊस ने ट्रंप के उपर जांच करने से इनकार किया है.
इससे पहले भी ट्रंप कई कानूनी विवादों में फंस चुके हैं. 2016 के अमरीकी चुनावों में रूसी हस्तक्षेप की जांच को प्रभावित करने अपने टैक्स संबंधी दस्तावेज़ न दिखाने और खुद पर कथित तौर पर यौन हिंसा के आरोप लगने पर दो महिलाओं को पैसे देने के आरोप लगाए गए थे. हो सकता है. कि यूक्रेन का ताज़ा मुद्दा उनकी इस सूची में आख़िरी कील साबित हो. लेकिन महाभियोग का प्रस्ताव विपक्ष के लिए भी कम जोखिम भरा सौदा नहीं. अगर ये जांच सफल नहीं हो पाई तो इसका असर 2020 में होने वाले चुनावों पर पड़ सकता है और विपक्ष को इसका खामियाज़ा भी भुगतना पड़ सकता है. इस महाभियोग के नतीजे के तौर पर ट्रंप को अमेरिका के राष्ट्रपति के पद से हटाया जा सकता है. हालांकि, यह तभी होगा. जब हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स उन पर महाभियोग लगाए और सीनेट उसे मंजूरी दे.
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