घर भाषा हिंदी महिला दिन: आता महिला शेतकरी नेते मंच घेतील, घडणे 50% आरक्षणाची मागणी !

महिला दिन: आता महिला शेतकरी नेते मंच घेतील, घडणे 50% आरक्षणाची मागणी !

आजच्या स्त्रिया स्वयंपूर्ण आहेत, ते इतरांवर अवलंबून नसतात. आजच्या स्त्रिया पुरुषांच्या बरोबरीने सर्व काही करण्यास सक्षम आहेत.. प्रत्येक स्त्री खास आहे, घरी असो किंवा कार्यालयात. आज महिला दिवस पर शहर में हवाई जहाज से लेकर रेलवे तक की कमान महिलाएं संभाल रही हैं. होय होय, अपनी प्रतिभा से अलग-अलग क्षेत्रों में मुकाम हासिल करनेवाली भारतीय महिलाओं की फेहरिस्त काफी लंबी है.


अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आज संसद के बजट सत्र के दौरान महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण की मांग उठी. शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी समेत कई महिला सांसदों ने संसद में यह मांग उठाई.


वही दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में अब महिलाओं की भागादारी बढ़ाई जाएगी। महिलाएं अब रोज मंच पर मोर्चा संभालेगी और महिला किसानों का नेतृत्व भी करेगी। महिला दिवस के मौके पर किसान संगठन ने ये तय किया है। इस दौरान महिलाएं लंगर से लेकर सुरक्षा तक की जिम्मेदारी संभालेगी।


अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर दिल्ली की सीमाओं पर सभी महिला किसानों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया और सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की। इस दौरान न केवल मंच का संचालन केवल महिला किसानों के हाथ में रहा, बल्कि महिलाओं ने भोजन और सुरक्षा के प्रबंधन से लेकर अपने संघर्ष की कहानियां भी साझा की।

मीडिया रिपोर्टस में महिला किसान नेता प्रतिभा शिंदे ने कहा, महिला दिवस के दिन सभी महिलाओं ने मेहंदी लगाकर विरोध जताया। ये कोई साधारण मेहंदी नहीं है यह इंकलाबी मेहंदी है। महिला दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी महिलाएं पंजाब, हरियाणा के तमाम जिलों में से ट्रैक्टर चला कर दिल्ली पहुंची हैं।


बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ सौ दिन से अधिक से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. टिकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान प्रदर्शनकारी तीन महीने से डटे हुए हैं. इनमें बड़ी संख्या में महिला किसान भी शामिल हैं. महिलाएं यहां पर प्रदर्शन करने, भाषण और आंदोलन की व्यवस्था करने में बड़ी भूमिकाएं निभा रही हैं.
बहरहाल अब आम दिनों में भी महिला किसानों की मंच पर जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके अलावा आगे की कार्यक्रमों में महिलाओं की भूमिका ज्यादा बढ़ाई जा सके ये भी तय किया जाएगा। किसान आंदोलन में सरकार को घेरने के लिए आगे की रुपरेखा तय करने के लिए सोमवार शाम को किसान संगठनों की एक बैठक भी होगी।

(सहाय्यक प्राध्यापक आर्थिक पाटणा विद्यापीठ, तुम्ही Twitter आणि YouTube वर कनेक्ट करू शकता.)

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