‘करण जौहर को फंसा दोगे, तो तुम्हें छोड़ देंगे’ – ड्रग्स केस में NCB पर लगाए आरोप
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की ओर से सुशांत सिंह राजपूत केस से जुड़े ड्रग्स मामले में पिछले हफ्ते गिरफ्तार किए गए फिल्म प्रोड्यूसर क्षितिज प्रसाद ने एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
प्रसाद के वकील सतीश मानशिंदे ने रविवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में बताया है कि एजेंसी के अफसरों ने प्रोड्यूसर को ‘परेशान और ब्लैकमेल किया’. वकील ने बताया कि क्षितिज प्रसाद को पूछताछ के दौरान करण जौहर और उनके टॉप के एक्ज़ीक्यूटिव्स को फंसाने के लिए जोर-जबरदस्ती की गई. वकील मानशिंदे ने प्रसाद के हवाले से कोर्ट में कहा, ‘NCB के अफसरों ने कहा कि अगर में करण जौहर, सोमेल मिश्रा, राखी, अपूर्वा, नीरज या राहिल का नाम ले लूं तो वो मुझे छोड़ देंगे.’
बता दें कि पिछले हफ्ते एजेंसी ने क्षितिज को गिरफ्तार कर लिया था. उनकी ओर से उनके वकील ने बताया, ‘अफसरों ने मुझसे झूठे आरोप लगाने को कहा कि वो (करण जौहर और उनकी टीम) ड्रग्स लेते थे. मैंने बहुत दबाव बनाए जाने के बाद भी उनकी बात नहीं मानी क्योंकि में इन लोगों को निजी तौर पर नहीं जानता हूं…और मैं किसी पर झूठे आरोप नहीं लगाना चाहता था.’
इस बयान में एक अफसर- समीर वानखेड़े- का नाम लिया गया है. मानशिंदे ने कहा है, ‘समीर वानखेड़े ने क्षितिज से कहा कि चूंकि वो उनकी बात नहीं मान रहे हैं तो वो उन्हें सबक सिखाएंगे और वानखेडे़ ने क्षितिज से अपनी कुर्सी के पास जमीन पर बैठने को कहा और उनके चेहरे के सामने अपना जूतों वाला पैर रखकर कहा कि यह उनकी असली औकात है.’ वकील ने बताया है कि वानखेड़े की इस हरकत पर वहां मौजूद दूसरे अफसर हंस रहे थे.
पिछले हफ्ते करण जौहर ने क्षितिज प्रसाद के अपनी कंपनी- धर्मा प्रोडक्शंस से जुड़े होने के दावे को खारिज किया था. जौहर ने बताया कि प्रसाद ने धर्मा प्रोडक्शंस से जुड़ी कंपनी धर्मेटिक एंटरटेनमेंट को नवंबर, 2019 में बतौर एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर जॉइन किया था. उन्होंने एक प्रोजेक्ट के लिए कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर कंपनी जॉइन की थी, लेकिन इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू नहीं हो पाया था।
सतीश मानशिंदे ने रविवार को एक बयान में कहा कि ‘क्षितिज प्रसाद को आज रिमांड के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था. मैंने कार्रवाई शुरू होने के पहले मजिस्ट्रेट को बताया कि क्षितिज को थर्ड डिग्री और बदतमीजी के साथ परेशान किया गया था और झूठा बयान देने के लिए ब्लैकमेल किया गया था.’
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