कोर्ट में उलझी राजस्थान की आपसी लड़ाई, अब कोर्ट ने दिए ये निर्देश
एक तरफ कोरोना तो वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में सियासी संकट बरकरार है। राजस्थान के सियासी संकट पर सुप्रीम सुनवाई हुई।विधानसभा स्पीकर की याचिका पर सर्वोच्च अदालत दलीलें सुन रही है. स्पीकर सीपी जोशी ने राजस्थान हाईकोर्ट के द्वारा विधायकों पर एक्शन ना लेने के निर्देश देने के खिलाफ सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक, स्पीकर 24 जुलाई तक बागी विधायकों पर कोई फैसला नहीं ले पाएंगे।
वहीं इस मसले को लेकर कपिल सिब्बल ने कहा कि क्योंकि ये पार्टी विधायक दल की मीटिंग में शामिल नहीं हुए। बिना बताए अनुपस्थित रहकर ये सरकार को अस्थिर करने की साजिश कर रहे थे। अपने मोबाइल भी बंद कर रखे थे। इनको ईमेल से भी नोटिस भेजे गए, विधायक हेमाराम चौधरी, बनवारी लाल शर्मा और अन्य विधायक नोटिस का जवाब देने की बजाय न्यूज चैनलों से बयान जारी करते रहे।
सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को राजस्थान के विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर सुनवाई हुई। सचिन पायलट गुट ने नोटिस दिए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में दलील दी थी, जिसपर HC ने स्पीकर को अभी कोई निर्णय ना लेने को कहा था।
इसीपर स्पीकर ने SC का रुख किया, गुरुवार को सुनवाई के दौरान वकील कपिल सिब्बल और अदालत के बीच कई सवाल-जवाब हुए। अदालत में अब इस मामले की सुनवाई सोमवार को होगी, कल आने वाले हाईकोर्ट के फैसले पर हर किसी की नजरें हैं. सुनवाई के दौरान क्या हुआ, एक नज़र डालें…लेकिन अटकलें ये भी लगाई जा रही है की सचिन पायलट कांग्रेस में जल्द वापसी करेंगे
लेकिन कोरोना जैसे महामारी के बीच आपसी मतभेद किस हद तक वाबिजब है। बड़ा सवाल अभी भी यही है की कोर्ट का फैसला किस के हक में जाएगा। लेकिन सरकार को चाहिए की सरकार आपसी मतभेद भुलकर कोरोना के खिलाफ लड़े।
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