यूपी में कोरोना से हो रही मौत पर सीएम योगी के काम से हाई कोर्ट नाराज !
यूपी में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कोरोना मरीजों की मौत के बढ़ते आंकड़े पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. कोर्ट ने मुख्य सचिव से पूछा कि लापरवाह अधिकारियों पर अबतक कार्रवाई क्यों नहीं हुई. हाई कोर्ट ने कोरोना से निपटने का एक्शन प्लान पेश करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने मुख्य सचिव से रोड मैप और कार्रवाई रिपोर्ट के साथ 28 अगस्त को हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि खाना जीवन से अधिक जरूरी नहीं, एक पखवाड़े के लॉकडाउन से किसी की भूख से मौत नहीं होगी. जिला प्रशासन भीड़ लगाने वालों पर नियंत्रण करने में नाकाम साबित हुआ. पुलिस ने बिना मास्क लगाए बाहर निकलने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने वालों पर जुर्माना लगाया, लेकिन फिर भी लोग जीवन की परवाह नहीं कर रहे हैं।
कोर्ट ने सरकार को संक्रमण रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है. मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर एस.पी सिंह और सीएमओ ने अपनी रिपोर्ट पेश की है. ए.एस.जी.आई शशि प्रकाश सिंह ने कोरोना वार्ड के आई.सी.यू में डॉक्टर और स्टाफ की तैनाती की गाइडलाइन पेश की है।
अस्पताल में भर्ती महिला शौचालय में मृत मिली थी
कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से खराब क्वालिटी के मास्क की बिक्री पर जानकारी मांगी है. कोर्ट ने प्रदेश के सात जिलों- लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, वाराणसी, बरेली, गोरखपुर और झांसी की स्थिति का जायजा लिया. कोरोना पॉजिटिव चुप्पी देवी की मौत मामले की जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में पेश की गई. एसआरएन अस्पताल में भर्ती महिला शौचालय के पास मृत मिली थी
कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता को रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. 28 अगस्त को याचिका की अगली सुनवाई होगी. क्वारनटीन सेंटर और अस्पतालों की हालत सुधारने को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की खंडपीठ ने आदेश दिया है ।
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