Home International Political हरियाणा में बर्खास्त शिक्षकों पर लाठीचार्ज, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का कर रहे थे विरोध
Political - September 25, 2020

हरियाणा में बर्खास्त शिक्षकों पर लाठीचार्ज, डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का कर रहे थे विरोध

किसानों को लेकर मोदी सरकार द्वारा लाए गए बिल पर संग्राम जारी है. भारतीय किसान यूनियन समेत विभिन्न किसान संगठनों ने आज देशभर में चक्का जाम करने का एलान किया है. इसमें 31 संगठन शामिल हो रहे हैं. किसान संगठनों को कांग्रेस, RJD, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, AAP, TMC समेत कई पार्टियों का साथ भी मिला है. इससे पहले पंजाब में तीन दिवसीय रेल रोको अभियान की गुरुवार से शुरुआत हो गई है. किसान रेलवे ट्रैक पर डटे हुए हैं और बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों के विरोध का सामना करना पड़ा है. हालांकि चरखी दादरी में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का विरोध करने रेस्ट हाउस पहुंचे बर्खास्त पीटीआई शिक्षकों पर लाठीचार्ज भी किया गया. पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसु गैस के गोले भी छोड़े. इस दौरान एक महिला टीचर घायल हो गई. बर्खास्त टीचर रेस्ट हाउस के सामने डट गए, जहां भारी पुलिस बल तैनात है.

वही दूसरी तऱफ कृषि बिल के खिलाफ भारत बंद का पंजाब से हरियाणा तक असर देखने को मिल रहा है. किसानों की ओर से जगह-जगह चक्का जाम गया है. फरीदकोट में दूध, सब्जी, राशन की दुकान ,पेट्रोल पंप, बस स्टेंड ,छोटी-बड़ी दुकानें सब बंद हैं. फरीदकोट से दिल्ली नेशनल हाइवे 54 को पूरी तरह जाम किया गया है.

दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने सड़क को जाम कर दिया है और प्रदर्शन कर रहे हैं. नोएडा के एडिशनल डीसीपी का कहना है कि हमने ट्रैफिक को डायवर्ट कर दिया है, इसलिए लोगों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

बिहार की राजधानी पटना में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और जन अधिकार पार्टी (जेएपी) के कार्यकर्ताओं में झड़प हुई है. दरअसल, कृषि बिल के विरोध में जेएपी के कार्यकर्ता बीजेपी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे और नारेबाजी कर रहे थे. इसी दौरान उनकी बहस बीजेपी कार्यकर्ताओं से हो गई. इसके बाद दोनों दलों के समर्थक आमने-सामने आ गए.

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान हमारे समाज की रीढ़ हैं और हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान बिल गलत दिशा में एक कदम है. यह समय सच्चाई के साथ खड़े होने का है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि किसानों से MSP छीन ली जाएगी. उन्हें कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिए खरबपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जाएगा. न दाम मिलेगा, न सम्मान. किसान अपने ही खेत पर मजदूर बन जाएगा. भाजपा का कृषि बिल ईस्ट इंडिया कम्पनी राज की याद दिलाता है. हम ये अन्याय नहीं होने देंगे.

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कृषि बिल के खिलाफ ट्रैक्टर रैली निकाली है. इस दौरान तेजस्वी ने कहा कि सरकार ने हमारे ‘अन्नदात’ को ‘निधि दात’ के माध्यम से कठपुतली बना दिया है. कृषि बिल किसान विरोधी है. सरकार ने कहा था कि वे 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करेंगे, लेकिन ये बिल उन्हें और गरीब बना देगा. कृषि क्षेत्र का कॉर्पोरेटकरण किया गया है.

(अब आप नेशनल इंडिया न्यूज़ के साथ फेसबुकट्विटर और यू-ट्यूब पर जुड़ सकते हैं.)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को 100 दिन पूरे होने को हैं…