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Political - October 6, 2020

हाथरस में एक और बेटी के साथ रेप औऱ हत्या

हाथरस की एक और बेटी की दुष्कर्म के बाद मौत हो गई है. दरअसल, 15 दिन पहले सादाबाद क्षेत्र के मई जटोई निवासी 6 वर्षीय बालिका के साथ अलीगढ़ जिले के इगलास गांव में रेप की घटना हुई थी. लड़की का दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था. लड़की की मौत हो गई है. घटना से गुस्साए परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया है.


परिजनों की मांग है कि जब तक सही आरोपी नहीं पकड़ा जाएगा और इगलास कोतवाल को निलंबित नहीं किया जाएगा, तब तक वे बच्ची का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. मौके पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात है. इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है, लेकिन परिवार का आरोप है कि पुलिस ने सही आरोपी को नहीं पकड़ा है.


लड़की के पिता ने कहा कि तीन महीने पहले मेरी दो लड़कियों को उसकी मौसी अपने घर लेकर गई थी. वहां पर मौसी के लड़के ने लड़की के साथ रेप किया. मेरी मांग है कि पुलिस मेरी बड़ी लड़की को वापस लाए और सही आरोपी को गिरफ्तार करे. अभी पुलिस ने गलत लड़के को गिरफ्तार किया है, जो मानसिक रूप से विक्षिप्त है.
लड़की के पिता ने इगलास के एसओ पर लापरवाही करने का आरोप लगाया है. मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. मेरी मांग है कि असली अपराधी को गिरफ्तार किया जाए और इगलास के एसओ को सस्पेंड किया जाए. पिता की शिकायत है कि जिला प्रशासन उसकी सुध नहीं रहा है.

इस मामले में सादाबाद के डीएसपी ब्रम्हम सिंह ने कहा कि लड़की की मां की मौत हो गई थी. इसके बाद वह अपनी मौसी के साथ रहती थी. मौसी के लड़के ने घटना को अंजाम दिया है. इगलास के इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है. मौके पर अलीगढ़ के एएसपी भी मौजूद हैं.

हाथरस की ही बहुजन लड़की के साथ कथित गैंगरेप के मामले को लेकर पूरे देश में गुस्से और गम का माहौल है. चंदपा थानाक्षेत्र के एक गांव की रहने वाली दलित लड़की के साथ चार लोगों ने कथित गैंगरेप किया था और उसपर जानलेवा हमला किया था. कई दिनों तक जिंदगी और मौत से लड़ने के बाद दलित लड़की की सफदरगंज अस्पताल में मौत हो गई थी. इस मामले में आई मेडिकल रिपोर्ट ने भी रेप को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा करने का काम किया है.

इसके बाद पुलिस ने बिना परिवारवालों की मर्जी के लड़की का रात में अंतिम संस्कार कर दिया. पुलिस की इस हरकत के बाद मामला इतना तूल पकड़ा कि कांग्रेस सड़क पर उतर आई और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा से लेकर सभी नेता हाथरस कूच करने लगे. भारी फजीहत के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने दलित लड़की के गांव में मीडिया से लेकर नेताओं की एंट्री बैन कर दी.

साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी. हालांकि, परिवार वाले लगातार जिला प्रशासन पर दबाव बनाने का आरोप लगाते रहे. गांव में मीडिया से लेकर नेताओं की नो-एंट्री पर कई दिनों तक बवाल चला और आखिर में बैकफुट पर आई यूपी पुलिस ने गांव के रास्ते को खोल दिया. इसके बाद परिवारवालों ने जिला प्रशासन की करतूत को बताया.

मामले में बढ़ते सियासी दबाव के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया कि हाथरस कांड के बहाने उत्तर प्रदेश में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश रची जा रही थी. इसके पीछे पीएफआई का नाम लिया जा रहा है. यूपी सरकार ने अपने दावे के बाद मथुरा से चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है.

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