योगी उत्तर प्रदेशचे मुख्यमंत्री होतील की नाहीत? भाजपा सत्तेत परत येईल की नाही??
उत्तर प्रदेशातील पंचायत निवडणुकांच्या निकालानंतर मीडियामध्ये सध्या मोठी चर्चा आहे. (ज्यामध्ये भाजपचा दारुण पराभव झाला आहे.) योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेशचे मुख्यमंत्री राहतील की नाही?? कोविड-19 महामारीचीही चर्चा होत आहे, किसान आंदोलन और बढ़ती बेरोज़गारी के कारण बीजेपी फ़रवरी 2022 के यूपी विधान सभा चुनाव में जीतेगी की नहीं?
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है। इसके पीछे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य के बीच चल रही खींचतान को बड़ा कारण बताया जा रहा है। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले सरकार और संगठन में बदलाव करके टॉप लीडरशिप कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है।

वही हाल ही में 2022 यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और आरएसएस की लंबी बैठकें थी जिसमें संघ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा यूपी में पार्टी के संगठन मंत्री सुनील बंसल भी शामिल हुए। लेकिन दिलचस्प बात ये रही कि इस बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हिस्सेदारी नहीं रही. जिसको लेकर भड़ास मीडिया में भी खबर छपी थी कि क्या चुनाव से पहले भाजपा योगी को निपटा सकती है
वही दैनिक भास्कर में छपी खबर के मुताबिक, जल्द ही यूपी के राजनीतिक हालात पर पीएम मोदी, अमित शाह और नड्डा प्रदेश के बड़े नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक कर सकते हैं। इसमें आगे की रणनीति पर मंथन किया जाएगा।

उत्तर प्रदेशात 2017 में BJP सरकार के गठन से लेकर अब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच सब कुछ ठीक नहीं रहा है। कई बार दोनों के बीच का विवाद खुलकर सामने भी आ चुका है। 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान केशव मौर्य ने पिछड़े वर्ग में काफी अच्छी पैठ बना ली थी। इसी के सहारे यूपी में BJP की सरकार बनी थी।
अब केशव के साथ 17% ओबीसी वोट बैंक है। इसे किसी भी हालत में BJP गंवाना नहीं चाहती है। वहीं, योगी के हिंदूवादी चेहरे को भी प्रदेश में काफी पसंद किया जाता है। ऐसे में पार्टी योगी और केशव दोनों को ही नाराज नहीं करना चाहती है। इसलिए अब बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की जा रही है।
2017 विधानसभा चुनाव के दौरान केशव मौर्य की अध्यक्षता में ही BJP ने यूपी में शानदार जीत हासिल की थी। तब यह माना जा रहा था कि केशव ही अगले CM होंगे, लेकिन पार्टी ने योगी आदित्यनाथ को कुर्सी सौंप दी। तब केशव को डिप्टी सीएम पद से ही संतोष करना पड़ा था। डिप्टी सीएम होने के बावजूद केशव को कम तवज्जो दी जाती रही।

27 मई को आनंदीबेन पटेल राज्यपाल से CM योगी आदित्यनाथ की 1 घंटे हुई मुलाकात हुई। सूत्र यह बताते हैं कि, मंत्रिमंडल का विस्तार तो होगा लेकिन अंतिम निर्णय केन्द्र से हरी झंडी मिलने के बाद तय होगा। वहीं पीएम मोदी के करीबी व गुजरात कैडर के IAS रहे एके शर्मा के MLC बनाए जाने के बाद से लगातार उनके मंत्रिमंडल में अहम पद मिलने की चर्चाएं जारी हैं। पूर्वांचल में कोविड के प्रबंधन में बनारस मॉडल की सराहना करते हुए PM मोदी ने उनकी तारीफ भी की।
पीएम मोदी के करीबी शर्मा के लगातार प्रदेश सरकार में मजबूत पद पाने को लेकर चल रही खबरों के बाद भाजपा संगठन और सरकार में कई गुट में लोग बट गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एके शर्मा को लेकर तीन अलग-अलग गुटों में लोग लामबंदी कर रहे हैं। फिलहाल भाजपा के विधायकों और संगठन में 4 साल में कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें उन्होंने अपनी ही सरकार का विरोध किया और पत्र लिखे।
बहरहाल ये तो आने वाले समय में पता चलेगा कि यूपी 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी सरकार अपने मंत्रिमंडल में क्या कुछ बदलाव करेंगी?
(सहाय्यक प्राध्यापक आर्थिक पाटणा विद्यापीठ, तुम्ही Twitter आणि YouTube वर कनेक्ट करू शकता.)
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