क्यूँ है 26 जुलाई,बहुजनों के जीवन में अहम!
सन 1902 में शाहू जी महाराज को मैजेष्टी किंग एडवर्ड सप्तम (Majesty king Edward-VII) के राज्याभिषेक में शामिल होने के लिए इंग्लंड में आमंत्रित किया गया।
अपने इस इंग्लंड प्रवास के दौरान शाहूजी महाराज ने इंग्लंड से 26 जुलाई 1902 को एक ऑर्डर पास किया जिसमें उन्होंने राज्य की नौकरियों के 50% पद पिछडे वर्ग (SC,ST,OBC) के व्यक्तियों के लिए आरक्षित(Reserve) कर दिए।
पिछडे वर्ग के लिए कोल्हापूर स्टेट में 50% पद आरक्षित करणे वाले वह भारत के प्रथम प्रशासक थे।
यह ब्रह्मणों के प्रभुत्व को खत्म करणे तथा पिछडे वर्ग को शासन – प्रशासन में प्रतिनिधित्व देणे वाला एक “क्रांतिकारी” कदम था।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की,
26 जुलाई 1902 का ऑर्डर उसी दिन से प्रभावी था।
यह ऑर्डर जिस दिन भारत में पहुँचे, उसी दिन से कोल्हापूर स्टेट में जो पद रिक्त हुए हैं उनमें से 50% पदों पर पिछडे वर्ग के लोग नियुक्त किए जायें।
और पिछडे लोगोंकी व्याख्या करते हुए शाहूजी महाराज ने ब्राह्मण, प्रभू, पारसी, शेणवी तथा अन्य अगडी जातियों के लोगोंको छोडकर शेष को पिछडा वर्ग (Backward Class) समझा जाये। ऐसा कहकर शाहू महाराज ने पिछडे वर्ग की एक विशेष पहचान बतायी ताकी आरक्षण का लाभ उन्हें सही रूप से मिल सके।
इसतरह से शाहू महाराज ने राष्ट्रपिता महात्मा फुले के 85% विरुद्ध 15% कि विचारधारा को हि बल दिया।
शासन-प्रशासन में सभी को समान अवसर प्रदान करणे का यह देश का प्रथम शक्तिशाली कदम था।
इस ऑर्डर को पास करणे का उनका एक विशिष्ठ उद्देश यह था की, नौकरियों कि ये आरक्षित सीटे शायद पिछडे वर्ग के लोगों को शिक्षा कि और प्रोत्साहित कर सके और शिक्षा के द्वारा वे दप्तरों तक पहुँच सके ।
बहुजन समाज के लोगों के मन में शिक्षा के प्रति लालसा व लगाव पैदा हो तथा उनके अंदर आत्मविश्वास कि भावना जगे और वे अपने पैरों पर खडा होना सीख सकें।
शाहूजी महाराज के गद्दी पर बैठने से पूर्व 98% मंत्री ब्राह्मण थे।
जो 1922 में ये आकडे बदलकर लगभग 66% लोग गैरब्राह्मण याने बहुजन मंत्री थे।
इसे कहते है “राजकीय क्रांती”…
इस तरह राजर्षी शाहूजी महाराज ने आज ही के दिन हम बहुजन समाज कि उन्नती का मार्ग तय किया।
और इसी मार्ग पर चलते हुए डॉ.बाबासाहब आंबेडकर जी ने शासन-प्रशासन में बहुजन समाज को प्रतिनिधित्व दिया.
इसीलिए आज का दिन हमारे लिए बेहद अहम है।
इसीलिए राजर्षी शाहूजी महाराज को आज के दिन नमन
संदर्भ-1) सामाजिक जनतंत्र के आधारस्तंभ
2)राजर्षी शाहूजी महाराज का जीवन संघर्ष!
(विनंती-कॉपी पेस्ट करायचे असेल तर नावासह करावे, स्वतःचे नाव टाकून नाही)
जय भिम,जय शाहूजी महाराज
आपका शुक्रगुजार-
आयु.प्रमोद मोगलाजी फकिरे
जय भारत जय संविधान
लेखक – प्रदीप ढोबले, राष्ट्रीय अध्यक्ष, ओबीसी सेवा संघ
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