5 अगस्त २०२० – आजादी के बाद के भारतीय इतिहास का सबसे शर्मनाक दिन
●आज भारतीय गणतंत्र के खात्मे और हिंदू गणतंत्र की स्थापना का दिवस है।
●मुसलमान, ईसाई और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक इस देश के दोयम दर्जे के नागरिक हैं, इसकी घोषणा का दिन है, आज
●सावरकर-तिलक-हेडगेवार- राजेंद्र प्रसाद के सपनों के पूरा होने का दिन है, आज
●फुले, पेरियार, डॉ. आंबेडकर और भगत सिंह की वैचारिकी की फिलहाल की पराजय का दिन है, आज
●भारतीय संविधान के मूल स्वर को ध्वस्त करने का दिन है, आज
●हिंदू राज किसी भी कीमत रोका जाना चाहिए, डॉ. आंबेडकर के इस आह्वान के पराजय का दिवस है, आज।
●कश्मीर को पूरी तरह सामूहिक जेल एवं यातना गृह में बदलने का दिन है, आज।
●ब्राह्मणवाद की नए सिरे से पूर्ण विजय के शंखनाद का दिन है, आज
●नए सिरे से अपरकास्ट के पूर्ण वर्चस्व का दिन है, आज
●ब्राह्मणवादी मर्दवाद की विजय का दिन है, आज
●सुप्रीमकोर्ट के खुले तौर पर हिंदू न्यायालय- ब्राह्मणवादी न्यायालय में बदल जाने की घोषणा का दिन है, आज।
●विपक्षी राजनीतिक पार्टियों के हिंदू बहुसंख्यकवाद के सामने पूर्ण समर्पण की घोषणा का दिन है, आज। अब कोई विपक्षी नेता लालू यादव और मुलायम सिंह यादव की तरह रामंदिर के सामने सीना तानकर खड़ा नहीं है।
●ब्राह्मणवादी हिंदूवाद एवं ब्राह्मणवादी कार्पोरेट के गठजोड़ के पूर्ण विजय की घोषणा का दिन है, आज यानि मेहनतकश श्रमिकों के पूरी तरह इनके चंगुल में जाने का दिन है, आज।
●वामपंथ व्यापक जनता से कटे हुए, बुद्धिजीवियों का शगल बनकर रह गया है, जो कोई भी चुनौती भरा कारगर प्रतिवाद एवं प्रतिरोध व्यक्त करने में करीब-करीब अक्षम है, इसकी खुली अभिव्यक्ति का दिन है, आज
●दलित-बहुजन वैचारिकी हिंदुत्व यानि ब्राह्मणवादी वैचारिकी को जमीन पर चुनौती देने में असफल रही है और एक हिस्से ने हिंदुत्व के सामने समर्पण कर दिया है। आज का दिन इसका साक्ष्य प्रस्तुत करता है।
●उदारवादियों ( कांग्रेसीुनमा) का बहुलांश खुले तौर हिंदुत्ववादी हो चुका है, उसके खुले प्रदर्शन का दिन है, आज
● मीडिया तटस्थता, वस्तुपरक्ता और तथ्यात्मक रिपोर्टिंग की बाहरी चोला उतारकर पूरी तरह ब्राह्मणवादी हिंदुत्व के पक्ष में खड़ी हो गई है, उस पर मोहर लगने का दिन है,आज
●सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं का हिदुत्वीकरण एवं ब्राह्मणवादी करण करने में संघ-भाजपा सफल हुई है, इसी पुष्टि का दिन है, आज
●भविष्योन्मुखी होने की जगह, भारत के अतीतोन्मुखी होने का दिन है, आज
आज राममंदिर नामक धार्मिक पूजा स्थल का निर्माण नहीं हो रहा है, भारतीय गणतंत्र का खात्मा कर हिंदू गणतंत्र की नीवं डाली जा रही है। राममंदिर की परियोजना कभी भी धार्मिक परियोजना नहीं रही है, यह एक राजनीतिक परियोजना रही है और आज भी एक राजनीतिक भवन की नींव डाली जा रही है। यह हिंदू राष्ट्र का पहला घोषित भवन है।
Article by – Siddharth Ramu
Senior Freelance Journalist
Former Editor Forward Press
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