59 चीनी ऐप बैन होने के बाद, हजारों लोगों की नौकरी पर मंडराया खतरा !
जहां एक तरफ देश में कोरोना अपना कहर बरपा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ भारत-चीन का मुद्दा देश के लोगों के रोजगार तक पहुंचा गया है। दराअसल केंद्र सरकार ने सुरक्षा और निजता का हवाला देते हुए लोकप्रिय चीनी ऐप टिकटॉक, शेयरइट और वीचैट समेत कुल 59 चीनी ऐप्स पर पाबंदी लगा दी है। चीन के साथ तनाव के बीच इन ऐप पर रोक लगाने की मांग की जाने लगी थी, इन ऐप्स का भारत में अरबों का कारोबार है और इनके डाउनलोड का बड़ा हिस्सा भारत में ही होता है। जिसके बाद लोगों के रोजगार पर खतरा मंडराने लगा है।

बैन का सामना करने वाले अन्य लोकप्रिय चीनी ऐप्स में यूसी ब्राउजर, यूसी न्यूज और एमआई कम्युनिटी जैसे चर्चित ऐप भी शामिल है.। सरकार ने ऐसे चीनी ऐप पर रोक लगाया है जो मुख्यत: गैर फाइनेंशियल नेचर के हैं। बता दें की चीन की दिग्गज कंपनियों अलीबाबा, बाइटडांस, बाइडू, टैन्सेंट आदि ने इन ऐप में भारी निवेश किया है। इसलिए इन कंपनियों को आर्थिक रूप से भारी नुकसान हो सकता है, इनके वैल्यूएशन पर भी असर पड़ सकता है. भारत के कुल ऐप डाउनलोड का करीब 50 फीसदी हिस्सा चीनी ऐप का ही होता है।

अधिका जानकारी के लिए बता दें की बैन होने वाले ऐप में भारत में सबसे लोकप्रिय टिकटॉक के 30 फीसदी यूजर भारतीय हैं और इसकी करीब 10 फीसदी कमाई भारत से होती है। इस ऐप का संचालन चीनी कंपनी बाइटडांस द्वारा किया जाता है, टिकटॉक के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार है। टिकटॉक के वैसे 20 करोड़ सब्सक्राइबर हैं, पिछले साल भारत में इसके 8.1 करोड़ मंथली एक्टिव यूजर थे जिन्होंने इस पर 5.5 अरब घंटे खर्च किए।

बाइटडांस ने साल 2018 में Musical.ly को भी खरीद लिया है, टिकटॉक ने अक्टूबर से दिसंबर 2019 तक की तिमाही में भारत में 25 करोड़ रुपये की कमाई की थी। ऐप पर विज्ञापनों के जरिए कंपनी की कमाई लगातार बढ़ रही थी, कंपनी ने इस साल 100 करोड़ रुपये कमाई करने का लक्ष्य रखा था। लेकिन वहीं कई लोग अभी भी इस बैन को वापस करने की मांग कर रहे है क्योंकि लोगों की नौकरी पूरी तरह अब खतरे में पड़ चुकी है।
सरकार ने एक तरफ लोगों की नौकरी को ऐप बैन कर खतरे में तो जाल दिया है। लेकिन बड़ा सवाल ये है की सरकार को अब लोगों की नौकरी के बार में भी सोचना होगा जिनकी नौकरी ऐप बैन होने से गई है।क्योंकि हमारे देश में और इस सरकार में नौकरी के अवसर वैसे भी बहुत कम है।
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