क्रीमीलेयर के नियम बदलने के विरोध में कांग्रेस : अरुणोदय विश्वकर्मा
केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा ओबीसी आरक्षण की क्रीमीलेयर के नियमों में बदलाव की सिफारिशों का विरोध बढ़ता जा रहा है। सामाजिक न्याय के तमाम संगठनों के साथ-साथ बदलते रुख के साथ कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार की इस कोशिश का विरोध किया है।
कांग्रेस सेवादल के उत्तर प्रदेश को-कॉर्डिनेटर अरुणोदय विश्वकर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार ओबीसी, एससी और एसटी के आरक्षण को धीरे-धीरे खत्म करने में लगी है जिसका वे कड़ा विरोध करते हैं।
नेशनल इंडिया न्यूज से बातचीत में श्री विश्वकर्मा ने कांग्रेस के ओबीसी को लेकर रवैये पर उठे सवाल के जवाब में कहा कि पहले से स्थिति बहुत बदली है, और अब कांग्रेस ने अपने 4 में से 2 मुख्यमंत्री ओबीसी वर्ग से बनाए हैं, और राजस्थान में अशोक गहलोत तथा छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल ओबीसी के साथ पूरा न्याय करने की कोशिश में लगे हैं। उन्होंने कहा कि यूपी जैसे बड़े प्रांत में कांग्रेस की कमान भी ओबीसी नेता अजय सिंह लल्लू को दी गई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने एमपी और छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण 14 और 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया जिस पर कोर्ट ने स्टे लगा रखा है।
अरुणोदय विश्वकर्मा ने कहा कि वास्तव में आरक्षण और सामाजिक न्याय को बचाने के लिए पार्टीलाइन से हटकर सभी एससी-एसटी और ओबीसी नेताओं और संगठनों को मिलकर लड़ना होगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों में आरक्षण कांग्रेस की सरकार ने ही लगाया था।
श्री विश्वकर्मा ने कहा कि कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की नीट की परीक्षा में ओबीसी रिजर्वेशन का लाभ राज्यों के कॉलेजों में भी लागू कराने की मांग की है जो कि अभी केवल केंद्रीय संस्थानों में ही मिल रहा है जिससे ओबीसी अभ्यर्थियों का बड़ा नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ओबीसी आरक्षण पर किसी भी तरह की कैंची चलाती है तो कांग्रेस पार्टी सामाजिक न्याय के तमाम संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन करेगी।
यह लेख वरिष्ठ पत्रकार अरुणोदय विश्वकर्मा के निजी विचार है
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