भीषण बाढ़ की चपेट में असम,123 मौत और लाखो खतरे में !
असम में आई प्राकृतिक आपदा से तमाम लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है ।असम के 25 जिले ब्रह्मपुत्र नदी से आए सैलाब की चपेट में हैं, असम का बरपेटा उन 25 जिलों में से एक है, जहां बाढ़ ने सबकुछ बर्बाद कर दिया है।
आपको बता दे कि भीषण बाढ़ की चपेट में है इस समय असम,लेकिन 100 से भी अधिक मौत और भारी तबाही होने के बावजूद भारतीय मीडिया का ध्यान, कैमरा और निगाह-ए-करम अब तक इधर नहीं है।तो समाधान क्या है मीडिया की इस बेरुखी का? क्या असम का नाम बदलकर ‘मिंटो प्रदेश’ करने से कोई फायदा होगा? या प्रधानमंत्री जी हवाई सर्वेक्षण करने जाएंगे तभी कुछ होगा?
सुदूर गांव को जोड़ने वाली सड़कें और तटबंध ब्रह्मपुत्र के सैलाब में बह गए, दीवारें ढह गईं अब सिर्फ निशान हैं। वही असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बताया कि सरकार की ओर से राहत-बचाव कार्य की तमाम तैयारियां की जा रही हैं. साथ ही एनडीआरएफ की टीम भी बाढ़ से निपटने के लिए तैनात है। लेकिन सवाल उठता है कि इतना राहत कार्य करने के बाद भी इतने जाने कौसे जा रही है । लोग भूख से क्यो तड़प रहे। क्या असम की सरकार अपना काम पूरे ईमानदारी से नही कर रही? या असम में ज्यादातर जो लोग मर रहे औऱ फसे हुए है बहुजन समाज से आते है । इसलिए बीजेपी की सरकार जो असम में है और केंद्र में मोदी सरकार दोनो को चिंता नही ?
आपको बता दे कि असम में बाढ़ का रूप और विकराल होता जा रहा है। सोमवार को छह और लोगों की मौत के साथ बाढ़ व बारिश से भूस्खलन व अन्य घटनाओं में मरने वालों की संख्या 123 हो गई। सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को कहा कि अब तक 70 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
एक तरफ कोरोना महामारी है और दूसरी ओर बाढ़ का दंश। असमवासी दोनों से जंग लड़ रहे हैं। बहुत लोग बाढ़ में जान गंवा चुके हैं। काजीरंगा नेशनल पार्क में भी 109 जानवर मारे गए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन बल, एनडीआरएफ और अन्य राहत दल बचाव कार्य में जुटे हैं।
वही 30 जिले पानी में डूबे हैं। ब्रह्मपुत्र भी खतरे के निशान से 11 सेमी ऊपर बह रही है और मंगलवार तक इसके 20 सेमी तक पहुंचने का अनुमान है। मुश्किल दौर है लेकिन इसे मात देना होगा । प्रकृति के इस कहर से जल्द उभरना पड़ेगा। सवाल है लेकिन कैसे ? क्योकि सरकार न तो कोरोना से लड़ रही औऱ नाही बाढ़ से , सरकार का तो पुरा ध्यान कांग्रेस की सरकार गीराने में है। अभी तक राज्य में बाढ़ से 24 जिलों में 24 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, हाल ही में गुवाहाटी के पास सोनापुर में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
एएसडीएमए ने कहा कि धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, दर्रांग, बक्सा, नलबारी, बारपेटा, चिरांग, बोंगईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सलमारा, गोलपारा, कामरूप, कामरूप महानगर, मोरीगांव, नगांव, गोलाघाट, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और कछार जिलों में बाढ़ से 24.3 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं।
गोलपारा में सबसे अधिक 4.59 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं, इसके बाद बारपेटा में 3.37 लाख से अधिक लोग और मोरीगांव में लगभग 3.35 लाख लोग प्रभावित हैं. राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों ने राज्य भर में 125 नौकाओं से पिछले 24 घंटों के दौरान 291 लोगों को बचाया है. रविवार तक 24 जिलों में 25.29 लाख से अधिक लोग जलप्रलय से प्रभावित थे।
क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने मंगलवार को असम और मेघालय के अधिकांश स्थानों पर बहुत भारी बारिश की आशंका जताई है।