बाबा रामदेव के साथ कोरोनिल का श्रेय लेने वाले डॉ निकले दुष्कर्म के आरोपी, जा चुके है जेल
बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा जिस डॉ. बलवीर सिंह तोमर के साथ मिल कर लांच की उनके बारे में बेहद ही आश्चर्यजनक खबर सामने आई है. कोरोनिल की दवा का श्रेय लेने वाले निम्म यूनिवर्सिटी के मालिक दुष्कर्म के आरोपी रह चुके है. जी हां, उनके खिलाफ 2016 में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था और वे गिरफ्तार भी हो चुके है.
दरअसल, चैयरमेन तोमर पर दुष्कर्म के एक नहीं कम से कम तीन मामले है. जिसके लिए उन पर केस चला और वे जेल भी गए. वहीं इन सबकी सफाई देने के लिए बाद में उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे के खिलाफ ही यह आरोप लगाया कि वह उन्हें यौन शोषण के झूठे आरोप में फंसा रहे है.
वहीं कोरोना के मरीजों को ठीक करने का दावा करने वाली कोरोनिल दवाई को पतंजलि और राजस्थान की निम्स यूनिवर्सिटी ने एक साथ मिलकर तैयार करने का दावा किया है. दवा की लॉन्च के लिए की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पतंजलि के आचार्य बालकृष्ण ने निम्स यूनिवर्सिटी के चांसलर और संस्थापक डॉ. प्रो. बलवीर सिंह तोमर को भी इस दवाई को बनाने का श्रेय दिया. बालकृष्ण ने बताया कि इस दवाई को सटीक और सावधानी से बनाया गया है. जिसकी कड़ी निगरानी डॉ बलवीर सिंह तोमर ने की है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आचार्य बालकृष्ण ने निम्स के संस्थापक डॉ. तोमर का प्रकार परिचय दिया. उन्होंने कहा कि डॉ. प्रो. बलवीर सिंह तोमर मॉडर्न मेडिकल साइंस की प्रसिद्ध व प्रतिष्ठित संस्था निम्स यूनिवर्सिटी राजस्थान के चांसलर, संस्थापक और सर्वेसर्वा हैं. उन्होंने कोरोना की दवा विकसित करने में संस्था के जो भी मुख्य लोग थे सबको इसमें लगाया. बालकृष्ण ने बताया कि डॉ. बलवीर सिंह तोमर ने किंग्स कॉलेज हास्पिटल स्कूल ऑफ मेडिसिन लंदन से पढ़ाई की. इसके बाद इंग्लैंड में काम किया. वहां हावर्ड यूनिवर्सिटी में डॉ. तोमर ने कई रीसर्च का काम किया.
हालांकि आचार्य बालकृष्ण ये बताना भूल गए कि डॉ. प्रो. बलवीर सिंह तोमर दुष्कर्म के आरोपी भी रह चुके है. 2015 में निम्स यूनिवर्सिटी के चेयरमैन डॉ. बलवीर सिंह तोमर पर छात्रा के साथ दुष्कर्म करने की कोशिश का मामला सामने आया था. इसके अलावा डॉ. तोमर के खिलाफ छह फरवरी को रांची के चुटिया थाने में भादवि की धारा 376 (सी), 511, 354, 354(ए), 356बी और 506 के तहत कांड संख्या 29-15 दर्ज किया गया.
बता दें कि बाबा रामदेव की कोरोनिल दवा को लेकर चैयरमेन तोमर अपनी बात से पलट गए. चैयरमेन तोमर का कहना है कि हमने अपने अस्पतालों में कोरोना की दवा का कोई भी क्लीनिकल ट्रायल नहीं किया है. बीएस तोमर ने कहा कि हमने इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में अश्वगंधा, गिलोय और तुलसी दिया था. मैं नहीं जानता कि योग गुरु रामदेव ने इसे कोरोना का शत प्रतिशत इलाज करने वाला कैसे बता दिया. लिहाजा जब तोमर अपने परिवार वालों के खिलाफ ही चले गए तो जाहिर सी बात है कि बाबा रामदेव के साथ कैसे खड़े हो सकते है.
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