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Political - June 27, 2020

मैनपुरी अग्निकांड पर पिछड़े वर्ग में भारी आक्रोश

By_Mahendra Yadav

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में खरपरी गांव में प्रजापति समाज के एक परिवार के सात लोगों को जिंदा जलाने की घटना को लेकर प्रदेश भर में नाराजगी बढ़ती जा रही है। पिछड़े वर्गों के तमाम संगठनों और राजनीतिक दलों ने घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। संगठनों ने आरोप लगाया है कि आरोपियों को बचाया जा रहा है।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अखिलेश कटियार ने मैनपुरी जिले की ग्राम पंचायत नंगला कुम्हारन कोतवाली माधवनगर में राजबहादुर प्रजापति के परिवार को जिंदा जलाने की घटना को दिल दहला देने वाला बताया है। उन्होंने सवाल उठाया कि कोई इतना बेखौफ कैसे हो सकता है कि पूरे परिवार को जिंदा जला दे। श्री कटियार ने कहा है कि मुख्य आरोपी संजय सिंह खुलेआम घूम रहा है। ग्राम माधौनगर जनपद मैनपुरी निवासी रामबहादुर प्रजापति के घर 18 जून की रात को कुछ लोग पहुंचे। आरोपितों ने परिवार सहित घर में आग लगा दी। इस घटना में दो वर्ष के मासूम ऋषि की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि रामबहादुर व सरला देवी की पीजीआई सैफई में मौत हो गई। संध्या व सिखा का गंभीर हालत में इलाज चल रहा है।

सरला ने मरने से पहले बयान दिया कि पूरे परिवार को घर में बाहर से कुंडी लगाकर गांव के ही संजय सिंह और मुरारी ने केरोसिन डालकर जिंदा जला दिया। पीड़ित पक्ष के चाचा ने मृत्यु होने से पहले गांव के मुरारी के नाम मुकदमा लिखवा दिया था लेकिन इसमें मुख्य आरोपी संजय सिंह है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री के स्वजातीय संजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस देर लगा रही है। केवल मुरारी को ही गिरफ्तार किया गया है। कोतवाल माधव नगर मैनपुरी भानू प्रताप सिंह ने बताया है कि घटना को संज्ञान में लेते हुए मुकदमा संख्या 390/2020 के तहत धारा 302/307/326A/ 736/सहित 506 में मुकदमा दर्ज कर आईओपी मुरारी को गिरफ्तार कर लिया है।

अखिल भारतीय प्रजापति(कुम्भकार) महासंघ के पदाधिकारी और सदस्यों ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा, जिसमें जनपद मैनपुरी में एक परिवार के सदस्यों को जलाने के मामले की सीबीआइ जांच कराने की मांग की गई। ज्ञापन में महासंघ के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष पन्नालाल प्रजापति ने मृतक रामबहादुर प्रजापति की पुत्रियों का बेहतर इलाज कराने, मृतकों के स्वजन को 25-25 लाख का मुआवजा देने, सीबीआई जांच कराने और आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर फांसी की सजा दिलाने की मांग की है। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश माटीकला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। बाद में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष योगेश कुमार ने भी पीड़ित परिवार से घटना को लेकर जानकारी ली।

राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष लोकेश कुमार ने भी पीड़ित परिवार को वे अपने स्तर से 51 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से अग्निकांड में क्षतिग्रस्त हुए घर की मरम्मत कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।बिजनौर में भी भारतीय प्रजापति हीरोज आर्गेनाइजेशन ने मैनपुरी में हुई घटना को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और कहा कि प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था के मामले में लचर साबित हो रही है। संगठन का कहना है कि तीन साल में इस प्रकार की भयावह घटनाएं एक दर्जन से अधिक हो चुकी हैं, लेकिन सरकार इस ओर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है। इसके अलावा मृतकों को कोई आर्थिक मदद भी नहीं उपलब्ध कराई गई है। मुरादाबाद में भी राष्ट्रीय प्रजापति महासभा की टीम ने एसडीएम बिलारी को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। इसमें मामले की निष्पक्ष तौर से जांच कराने की मांग उठाई और पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद के साथ ही उचित कार्रवाई की मांग की गई।

मेरठ में भी राष्ट्रीय प्रजापति महासभा युवा शाखा के पदाधिकारियों ने मैनपुरी में राजबहादुर प्रजापति के परिवार को घर में आग लगाकर मारने की घटना पर गहरा आक्रोश जताया है। महासभा ने प्रतिनिधि मंडल ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। शाखा के प्रदेश अध्यक्ष सुमित प्रजापति ने कहा कि पुलिस आरोपियों को बचाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने, परिवार को एक करोड़ की आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी दिलाने की मांग की। मैनपुरी में भारतीय अति पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा है कि पीड़ितों ने होश में आने के बाद दबंग व्यक्ति ठाकुर संजय सिंह को मुख्य आरोपी बताया है, जिसे पुलिस बचाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में अति पिछड़े वर्ग के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है और उनको जान माल की हानि पहुंचाने की साजिश रची जा रही है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

भारतीय अति पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा ने मांग की है कि सरकार इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का काम करें और सभी आरोपियों को सख्त से सख्त सजा मिले, पीड़ित परिवार को एक करोड़ की आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी दे और घायलों को उचित चिकित्सा मुहैया कराई जाए। अखिल भारतीय ओबीसी महासभा ने भी घटना पर चिंता जताई है। महासभा के अध्यक्ष ओबीसी ललित कुमार ने यूपी के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि आज तक ओबीसी कुम्हार/ प्रजापति समाज के साथ उत्पीड़न की जितनी घटना हुई हैं, उतनी पहले कभी नहीं हुई थी और सरकार द्वारा कोई ठोस कार्यवाही ना किए जाने पर ओबीसी कुम्हार समाज में गहरा आक्रोश और भय का माहौल है।

तमाम पिछड़े वर्गों के संगठनों ने सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द ही आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती, और पीड़ित पक्ष के साथ न्याय नहीं किया जाता तो प्रदेश में उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा।

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