RSS के गढ़ में मोहन भागवत पर जमकर गरजे चंद्रशेखर
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय के पास कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने आरएसएस को प्रतिबंध करने की मांग की. आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत को आजाद ने सीधे चुनाव लड़ने की खुली चुनौती तक दे डाली है. उनका कहना है कि वह भी देखना चाहते है कि आरएसएस के एजेंडे को कितने समर्थकों का समर्थन मिलता है.
आजाद ने कहा कि मैं मोहन भागवत को एक सुझाव देना चाहता हूं कि वो अपने झूठ का मुखौटा उतारे और मैदान में आकर लड़े. यह एक लोकतांत्रिक देश है यहां सबको अपनी बात रखने का हक है. आजाद ने आगे कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मनुवादी है. लेकिन देश मनुस्मृति से नही संविधान से चलता है. CAA, NRC और NPR भी आरएसएस का ही एजेंडा है.
बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने आजाद को शर्तों के तहत रेशीमबाग में लोगों को संबोधित करने के लिए सभा आयोजन करने की अनुमति दी थी. लेकिन नागरपुर पुलिस ने कानून-व्यवस्था कि स्थिती को देखते हुए सभा का आयोजन वहां करने से मना कर दिया था. जिसके बाद वहां कि पुलिस का मन भांपते हुए आजाद ने कहा कि अलग-अलग विचारधाराओं के बीच हमेशा ही संघर्ष होता है.
आजाद ने संबोधन में आगे कहा कि संघ बीजेपी का समर्थन करता है उसे चलाता है. बीजेपी की कमान संघ के हाथों में है. इसी के चलते पीएम मोदी आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत से हाथ जोड़कर मिलते हैं और उन्हें हर बात की जानकारी देते हैं. आजाद ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए यब भी कहा कि वह संविधान की बात करते हैं लेकिन मनुस्मृति के एजेंडे को बढ़ावा देते है. हम जहां संविधान पर विश्वास रखते तो वहीं दूसरी ओर वह मनुस्मृति पर विश्वास रखते है. यह देश संविधान से चलता है किसी और तरह की विचारधारा से नही. इसलिए आरएसएस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए तभी मनुवाद देश में पूरी तरह खत्म होगा और संविधान उभर कर सामने आएगा.
गौरतलब है कि भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने 23 फरवरी को भारत बंद का आह्वाहन किया था. जिसका मकसद एससी, एसटी और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को आरक्षण का हक दिलाना और CAA,NRC सहित NPR के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना था.
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