शाहीन निर्णय बाग अनुसूचित जाती मध्ये चालू, सुनावणी ते जाणून घ्या
शाहीन बाग में लगातार पिछले कई दिनों से प्रदर्शन जारी है. जिसे अब लगभग दो महीने होने वाले हैं. बीते महिनों से CAA के खिलाफ कड़े विरोध हो रहे है जिसके बाद से अब तक माहौल गर्माया हुआ है. देशात कोरोना विषाणूचा कहर वाढत आहे.
लेकिन इन सबके बीच अब सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई और आदेश दिए गए है कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात की जाए. इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय कौशल, जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच कर रही है.
शाहीन बाग मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोकतंत्र हर किसी के लिए है, लेकिन इन सबके लिए रोड़ जाम कर आवाजाही प्रभावित नही होने दे सकते. इस मसले पर अब अगले सोमवार को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने वकील संजय हेगड़े को प्रदर्शनकारियों से बात करने को कहा है. वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े के साथ वकील साधना रामचंद्रन को वार्ताकार के तौर पर नियुक्त किया है. और उनके मसलों को बातचीत के जरिये सुलझाने के आदेश दिए है. साथ ही संजय हेगड़े ने पुलिस सुरक्षा की अपील भी की है.
सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना है कि यदि बातचीत से मसला नही सुलझता तो हम अथॉरिटी को एक्शन के लिए खुली छूट देंगे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से प्रदर्शनकारियों को हटाने के विकल्प पर चर्चा करने और उनसे इस विषय पर बात करने को कहा है.
वहीं याचिका में यह भी अपील की गई है कि अदालत रास्ते को जल्द खोलने का आदेश दें. सुनवाई के दौरान अदालत का कहना है कि हम अधिकारों के आवाज़ उठाने के खिलाफ नही है. जस्टिस कौशल का कहना है कि जनता के जीवन पर इस प्रदर्शन से बहुत प्रभाव पड़ रहा है और यह लोगों के जीवन पर काफी असर भी डाल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जल्द ही प्रदर्शनकारियों से बात करके एक उचित समाधान निकाला जाए. इसके साथ ही वकील तसनीम अहमदी ने कहा कि प्रदर्शन करने वालों में सभी धर्मों के लोग शामिल है इस प्रदर्शन के लिए किसी एक धर्म को जिम्मेदार ठहराना गलत होगा.
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