चीन की तरह भारत भी बनाएगा हिमालय पर रेल नेटवर्क
चीन ने जिस तरह सड़क और रेल मार्ग को अपनी कूटनीति का हिस्सा बना लिया है, भारत भी अपने सीमावर्ती दुर्गम भूभाग वाले राज्यों को आपस में रेल नेटवर्क से जोड़ने की योजना बनाने लगा है। नीति आयोग ने इस दिशा में पहल करते हुए पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में ट्रेन चलाने का विचार दिया है। आयोग का कहना है कि इस क्षेत्र के तीन राज्यों- जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को आपस में रेलवे नेटवर्क से जोड़ना चाहिए।
आयोग ने यह अहम सिफारिश देश के विकास की त्रिवर्षीय कार्ययोजना में की है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग गवर्निग काउंसिल की बैठक में त्रिवर्षीय कार्ययोजना के ड्राफ्ट पर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने चर्चा की। राज्य अब इस ड्राफ्ट में दिए गए प्रावधानों पर चर्चा कर अपने सुझाव सरकार को देंगे जिसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सीमावर्ती और दुर्गम भूभाग वाले राज्यों के विकास की योजना सुझाते हुए नीति आयोग ने ‘क्षेत्रीय रणनीति’ नामक अध्याय में यह सिफारिश की है। आयोग का कहना है कि तीनों राज्यों को बाद में पूर्वोत्तर के राज्यों से भी जोड़ा जाना चाहिए। नीति आयोग ने यह सिफारिश भी की है कि हिमालयी राज्यों में ढांचागत परियोजनाओं के लिए 10 हेक्टेयर तक वनभूमि अन्य उद्देश्यों के इस्तेमाल की अनुमति दी जानी चाहिए। फिलहाल यह सीमा मात्र पांच हेक्टेयर है। यह सीमा बढ़ाने से पर्वतीय भूभाग वाले राज्यों खासकर हिमालयी प्रदेशों में ढांचागत परियोजनाओं का क्रियान्वयन आसान हो जाएगा। बहरहाल, पश्चिमी हिमालय में रेल नेटवर्क बिछाने की नीति आयोग की सिफारिश पर आयोग की ओर से आधिकारिक तौर पर तो कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि भारत की ओर हिमालय पर्वत की दक्षिणी ढलान है जो बेहद दुर्गम है, इसलिए हिमालयी क्षेत्र में ट्रेन लाइन बिछाना बेहद चुनौती भरा होगा। बता दें कि चीन ने दुर्गम भूभाग के बावजूद तिब्बत तक रेल लाइन पहुंचाने में सफलता हासिल कर ली है। साथ ही चीन नेपाल तक भी रेल लाइन बिछाने की कोशिश कर रहा है।
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…