मोदी-2 हैं योगी आदित्यनाथ
मौलाना आजाद नैशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के चांसलर जफर यूनुस सरेशवाला ने कहा है कि योगी आदित्यनाथ मोदी-2 हैं। पीएम नरेंद्र मोदी में किसी व्यक्ति को चुनने की जबर्दस्त क्षमता है। चुनावों में हुई बातें ‘बुरा न मानो होली है’ जैसी होती हैं। मुस्लिमों को अपनी धारणाओं से बाहर निकलना होगा। कौम ने अपनी सियासी सूझबूझ खो दी है। तय करना होगा कि वो कौन रहनुमा है, जो हमें गिरा रहा है।
जाजमऊ एरिया में एक सेमिनार को संबोधित करने आए सरेशवाला ने कहा कि बीते दिनों भगवा कपड़ों वाले योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई तो मैंने उन्हें बताया कि यूपी के मुस्लिमों में डर है। योगी ने कहा कि नई सड़क मुस्लिम को चलने से रोकेगी नहीं और बिजली तो यूपी के हर घर में पहुंचनी है। बीजेपी को हिंदू से मोहब्बत और मुस्लिम से दुश्मनी नहीं है। उसे तो बस पावर चाहिए। हिंदू-मुस्लिम की बात तो मोदी के मन में दूर-दूर तक नहीं है। वह गवर्नेंस की बात करते हैं। यूपी में बीजेपी को 40 पर्सेंट वोट मिले। 20 पर्सेंट मुस्लिमों और 40 पर्सेंट हिंदुओं ने उसे वोट नहीं दिए। इसके बावजूद भी हिंदू तो बीजेपी के हैं। ऐसे में हमारी टेक्टिकल वोटिंग की बात भी खत्म हो गई।
गुजरात में 2002 के बाद एक भी दंगा नहीं हुआ, लेकिन हम सिर्फ 2002 की बात करते हैं। 1969 में अहमदाबाद में हुए दंगे में 5000 मुस्लिम मारे गए थे। इसके बाद 85, 87 और 92 में भी दंगे हुए। इस दौर में वहां कांग्रेस की हुकूमत थी। गुजरात में ऐसे भी दौर थे, जब 5-5 महीने तक स्कूल बंद रहे। 1993 के मुंबई दंगों में 1050 मुस्लिम मारे गए। रतन टाटा और एलके पद्मसी जब मुख्यमंत्री से मिलने गए थे तो वह जाम लड़ा रहे थे। हमें ऐसे मुख्यमंत्रियों के नाम नहीं याद हैं। मलियानी कांड के मुस्लिमों को मुलायम सिंह यादव ने प्रमोट कर दिया। मेरी पिटिशन पर मोदी का वीजा रिजेक्ट हुआ था। गुजरात दंगों में 86 हिंदुओं को उम्रकैद हुई थी। ऐसे पहले कभी नहीं हुआ। मुलायम सिंह का एक बेटा इधर और दूसरा उधर है और मोदी को गाली देने के लिए आजम खान को रखा हुआ है। 70 साल से हमारे कंधों पर बंदूकें चल रही हैं। हमारे लीडर तो सोनिया, ममता, लालू और मुलायम हैं, जिन्होंने कभी मुस्लिम लीडरशिप उभरने नहीं दी। हमें बात पहुंचाने के लिए सही लोग चुनने होंगे। आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा था कि 25 करोड़ मुस्लिम पीछे रहे तो मुल्क तरक्की नहीं करेगा।
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Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…