जानिए नीला रंग क्यों बन गया ‘बहुजन संघर्ष’ की पहचान?
ये उत्सुकता का विषय है कि बहुजनों के संघर्ष का रंग नीला क्यों है? जब पूरे देश में बहुजनों ने एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ संघर्ष किया तो रैलियां नीले रंग के झंडों और टोपियों से पटी पड़ी थीं. हाल के बरसों में जब भी बहुजनों का कोई मार्च या रैली निकलती है, तो उसमें एक रंग लहराता है और वो है नीला. आखिर ऐसा क्यों है कि नीला रंग बहुजनों के प्रतिरोध, संघर्ष और अस्मिता का रंग बनकर उभरा है.
नीले रंग के पीछे अवधारणा क्या है
नीला रंग आसमान का रंग है, ऐसा रंग जो भेदभाव से रहित दुनिया का प्रतिनिधित्व करता है. जो ये बताता है कि आसमान के तले हर किसी को बराबर होना चाहिए. ये एक थ्योरी है लेकिन इसका कोई पुख्ता आधार नहीं. हालांकि इसकी कई और भी थ्योरी हैं.
ये कैसे शुरू हुआ
बीआर अंबेडकर ने जब अपनी पार्टी इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी की नींव रखी तो इसका रंग नीला था. उन्होंने ये रंग महाराष्ट्र के सबसे बड़े बहुजन वर्ग महार के झंडे से लिया. वर्ष 2017 में अर्थ नाम के जर्नल में ‘फैब्रिक रेनेड्रेड आइडेंटीटी- ए स्टडी ऑफ पब्लिक रिप्रेजेंटेशन इन रंजीता अताकाती’ प्रकाशित शोध पत्र भी यही बात कहता है. अंबेडकर ने तब इसे बहुजन चेतना का प्रतीक माना था.
बहुजनों ने नीले रंग को किस वजह से अपनाया
अंबेडकर को नीले रंग का सूट बहुत पसंद था. वो अमूमन इसी रंग के थ्री पीस सूट पहनते थे. अंबेडकर को बहुजन अपने नायक के रूप में देखते हैं. एक ऐसा नायक, जिसने नीचे से उठकर उनके समाज को आवाज दी. समाज को संगठित किया. चूंकि अंबेडकर नीले रंग के सूट में होते थे, लिहाजा बहुजन समाज ने इस रंग को अपनी अस्मिता और प्रतीक के रूप में लिया. उन्होंने इस रंग को अपनाया. देशभर में अंबेडकर की जितनी भी मूर्तियां लगी हैं उसमें वो नीले रंग का ही थ्री पीस सूट पहने और हाथ में संविधान की प्रति लिए हुए दिखते हैं.
अंबेडकर के साथ इस रंग के जुड़ने का मतलब था इस रंग को बहुजन समाज द्वारा अंगीकृत कर लेना. ये रंग इसीलिए बहुजनों के लिए उनका रंग बन गया. उनकी पहचान के साथ जुड़ गया.
बहुजन चिंतक भी यही मानते हैं कि अंबेडकर के नीले सूट का रंग एक बड़ी वजह है कि बहुजनों ने इसे प्रतिरोध और अस्मिता के तौर पर अपनाया.
कब होता है नीले रंग का इस्तेमाल
जब भी उन्हें लगता है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है तो उनकी रैलियों में नीले रंग के झंडे लहराते हैं. जब वो अपनी अस्मिता की बात करते हैं तो नीले रंग के झंडों को लहराते हैं. यानि उनके लिए हर मौके का प्रतीक बन गया है नीला रंग
अंबेडकर को नीला रंग क्यों पसंद था
शायद इसकी वजह उनका बौद्ध धर्म से प्रभावित होना था. बौद्ध धर्म में नीले रंग को पवित्र रंग माना जाता है. अशोक चक्र का रंग नीला है. बौद्ध धम्म चक्र भी नीले रंग का है.
राजनीति में रंग –
भगवा – भारतीय जनता पार्टी और हिंदूवादी दलों का रंग गहरा नीला – बहुजन समाज पार्टी और बहुजन दलों का रंग लाल-हरा- समाजवादी पार्टी का रंग हरा- अन्ना द्रमुक का रंग लाल – कम्युनिस्ट पार्टियों का रंग आसमानी नीला – कांग्रेस समुद्री नीला – एनसीपी नीला और सफेद – तृणमूल कांग्रेस
राज्यों में सियासी दलों के रंग
आमआदमी पार्टी ( दिल्ली) नीला बीजू जनता दल (ओडिशा) गहरा हरा पीडीपी (जम्मू-कश्मीर) हरा जेडीयू (बिहार) हरा शिवसेना (महाराष्ट्र) भगवा तेलुगुदेशम (आंध्र) पीला टीआरएस (तेलंगाना) गुलाबी आरजेडी (बिहार) हरा नेशनल कांफ्रेंस (जम्मू-कश्मीर) लाल डीएमके (तमिलनाडु) पीला
रंग और विचारधारा
भगवा – हिंदू हरा – इस्लाम नीला – बहुजन लाल – समाजवाद काला – विरोध
(साभार: न्यूज़18)
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