कोरोना के बाद अब भारत पर मंडराया ‘अम्फान’ का खतरा
देश में जहां एक तरफ कोरोना की मार बरकरार है और मजदूर अपने घर जाने के लिए राह ताक रहे हैं।तो वहीं दूसरी तरफ एक खतरनाक तूफान ने भारत में एंट्री कर ली है।जिसको लेकर किसी भी तरह की लापरवाही ना बरतने के निर्देश दिए गए है।दराअसल सुपर साइक्लोन ‘अम्फान’ के आज पश्चिम बंगाल के तट पर टकराने की आशंका जताई जा रही है।185 से 155 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले तूफान से सबसे बड़ा खतरा रेल सेवाओं को है।जिसको देखते हुए हावड़ा में रेल कोचों को चेन से बांधा गया है जिससे तूफानी हवाओं से रेल कोचों को नुकसान पहुंचाने से रोका जा सके।
रेलवे की ओर से हावड़ा के शालीमार साइडिंग में खड़ी रेल के कोच को चेन और ताले से बांधने का इंतजाम किया गया है।पूरे देश में कोरोना संकट के चलते भले ही रेल सेवाएं ठप पड़ी हों, लेकिन जो भी इस दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं, उन्हें भी सुरक्षा के मद्देनजर बंद करने की जानकारी दक्षिण पूर्व रेलवे की ओर से दी गई है।
बता दें की जो ट्रेनें रेलवे ट्रैक पर खाली खड़ी हैं, उन्हें लोहे की मोटी-मोटी चेन स्किट से बांधा गया है और ताला लगाया गया है।ऐसा इसलिए किया गया है कि चक्रवाती तूफान में तेज हवा की वजह से ट्रेनें कहीं पटरी पर बिना इंजन के सरपट न दौड़ जाएं।अगर इंजन के बगैर एक बार दौड़ गई तो दुर्घटना घट सकती है फिर इसे काबू में करना बेहद मुश्किल साबित हो सकता है।यही कारण है कि ट्रेन को लोहे की चेन और ताले से बांध कर रखा जाता है।
वहीं दूसरी तरफ अम्फान तूफान से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 19 टीमें पश्चिम बंगाल में तो 15 टीमें ओडिशा में तैनात की गई हैं।6 टीमों को इस तरह से तैयार रखा गया है, कि जब भी जरूरत पड़े, उन्हें एयरलिफ्ट करके पहुंचा दिया जाए।चक्रवाती तूफान प्रभावित इलाकों में भारी तबाही मचा सकता है।
चक्रवाती तूफान अम्फान की दहशत इतनी है कि हावड़ा कॉरपोरेशन ने 24 घंटे के लिए कंट्रोल रूम चालू रखा है।जिससे लोगों तक किसी भी तरह की असुविधा होने पर तत्काल मदद पहुंचाई जा सके।ओडिशा के तटीय इलाकों में रेत से भरी बोरियां लगाई जा रही हैं जिससे समुद्री लहरों को बस्तियों तक आने से रोका जा सके।साथ ही साथ तटीय इलाकों से बस्तियां खाली करा ली गई हैं और लोगों को शेल्टर होम में शिफ्ट किया जा रहा है।
जहां सरकार कोरोना पर काबू करने और नियमों का पालन कराने को लेकर पूरी तरह फैल है।तो वहीं दूसरी तरफ इस तूफान का भी संकट सरकार के सामने आ खड़ा हो गया है।अब देखने वाली बात ये होगी की सरकार टीम भेजने की तो बात कर रही है लेकिन क्या ये टीम इस तूफान को रोक पाएंगी या फिर सरकार हर बार की तरह या भी फैल हो जाएगी।
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