जामिया को अल्पसंख्यक संस्थान मानने से मोदी सरकार का इनकार
By NIN Bureau
नई दिल्ली। मोदी सरकार अब दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया को अल्पसंख्यक संस्थान मानने से इंकार कर रही है। जी हां मोदी सरकार ने जामिया मिलिया इस्लामिया के अल्पसंख्यक दर्जे को वापस लेने का फैसला किया है। जामिया मिलिया इस्लामिया के माइनॉरिटी स्टेटस को लेकर हाई कोर्ट में चल रहे मुकदमे में सरकार अब नया हलफनामा दायर करेगी। मोदी सरकार कोर्ट में हलफनामा देगी कि जामिया मिलिया इस्लामिया एक अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है। इससे पहले यूपीए सरकार के समय फरवरी 2011 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शिक्षा आयोग ने अपने आदेश में कहा था कि जामिया मिलिया इस्लामिया एक अल्पसंख्यक संस्थान है।
मोदी सरकार हाई कोर्ट में नया हलफनामा दायर कर इसे गैर-अल्पसंख्यक संस्थान करार देगी। सरकार का तर्क है कि जामिया मिलिया इस्लामिया को संसद के कानून से बनाया गया और केंद्र इसे आर्थिक मदद भी मुहैया कराता है, लिहाजा इसे अल्पसंख्यक संस्थान नहीं कहा जा सकता। वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया के वीसी तलत अहमद ने इस मामले पर अभी कुछ नहीं कहा है।
गौरतलब है कि संविधान के अनुच्छेद 30 (1) सभी धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों को स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों सहित शैक्षिक संस्थानों को स्थापित करने और चलाने का अधिकार देता है।
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