पीएम मोदी के लिए बुरी खबर! गुजरात में 300 से ज्यादा बहुजनों ने किया हिंदू धर्म का त्याग
पीएम मोदी के गढ़ गुजरात से लगतार बहुजनों पर जातिगत भेदभाव के चलते हिंसक घटनाएं सामने आ रही हैं. इसी बीच अहमदाबाद और बड़ोदरा जिले में 300 से ज्यादा बहुजनों ने अशोक विजय दशमी के मौके पर हिंदू धर्म का त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लिया. माना जाता है कि इसी दिन मौर्य शासक सम्राट अशोक ने अंहिसा का संकल्प लिया था और बौद्ध धर्म अपना लिया था। विजय दशमी के दिन ही बाबा साहेब अंबेडकर ने भी 1956 में बौद्ध धर्म अपना लिया था।
एजेंसी के मुताबिक, गुजरात बौद्ध एकेडमी के सचिव रमेश बांकर ने बताया कि अहमदाबाद संगठन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में करीब 200 दलितों ने बौद्ध धर्म में दीक्षा ली। इनमें 50 महिलाएं भी शामिल हैं। बांकर ने बताया कि कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) के बौद्ध धर्म के प्रमुख ने दीक्षा दी।
गौतम बुद्ध ने परिनिर्वाण प्राप्त करने के लिए कुशीनगर में ही अपने शरीर का त्याग किया था। कार्यक्रम के संयोजक मधुसूदन रोहित ने बताया कि वड़ोदरा में एक कार्यक्रम में 100 से अधिक दलितों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली। पोरबंदर के एक बौद्ध भिक्षु ने उन्हें दीक्षा दी।
बसपा के क्षेत्रीय समन्वयक रोहित ने बताया, ‘‘इस कार्यक्रम के पीछे कोई खास संगठन नहीं था। 100 से अधिक लोगों ने स्वैच्छिक रूप से धर्मांतरण किया।’’ रोहित ने कहा, ‘‘हमने धर्मांतरण के लिए संकल्प भूमि (वड़ोदरा में) को चुना क्योंकि बाबासाहेब अंबेडकर ने छुआछूत के खिलाफ अपनी लड़ाई शुरू करने की खातिर अपनी नौकरी और शहर छोड़ने से पहले यहीं पर पांच घंटे बिताये थे।’’
उन्होंने कहा कि अशोक विजय दशमी उनके लिए इसलिए अहम है कि इसी दिन अंबेडकर ने 1956 में नागपुर में लाखों लोगों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। अंबेडकर ने विजय दशमी का दिन इसलिए चुना कि इसी दिन सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी।
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