बीएचयू होल्कर भवन का घेराव,असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्तियों के खिलाफ छात्रों ने किया प्रदर्शन
BY: JYOTI KUMARI
कभी शिक्षा के लिए जाने वाला बीएचयू आज कल आये दिन मीडिया में विवादों के लिए बना रहता है. एक बार फिर विश्वविद्यालय असंवैधानिक कारनामा के लिए चर्चा का विषय बना हुआ है. बीएचयू में एक बार फिर जातिवाद का खेल अनारक्षित पदों के लिए शुरू हो गया है जिसमें SC\ST\OBC के आवेदकों को अयोग्य ठहराया गया है.जिसपर छात्रों ने होल्कर भवन का घेराव करते हुए धरना-प्रदर्शन कर रहे है.
दरअसल बीएचयू के Performing Arts विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्ति के इंटरव्यू में SC/ST\OBC के कैंडिडेटस को इसलिए अयोग्य करार दे दिया गया कि उन लोगों ने अपने आरक्षित कोटे में UGC NET की परीक्षा पास की हैं। जिस पर छात्र भड़के हुए है और कह रहे है कि ये पूरी तरह असंवैधानिक है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के आदेशों के विरुद्ध है। यूजीसी द्वारा जारी दिशानिर्देशों में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए केवल NET की पात्रता होना अनिवार्य है. कोई भी केंडिडेट इसलिए आयोग नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि वह अपनी कैटागिरी में नेट किया है.
आपको बता दे कि यूजीसी यानि कि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन एक वैधानिक संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1956 में भारत सरकार द्वारा की गयी थी. यह संस्था भारत में सभी विश्वविद्यालयों को मान्यता प्रदान करता है.
UGC का मुख्यालय नई दिल्ली में है, यूजीसी नेट एक राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा है, जिसका आयोजन अभी तक सीबीएसई के द्वारा यूजीसी की तरफ से कराया जाता था और अब ये परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के द्वारा आयोजित कर विश्वविद्यालय में लेक्चरर बनने और जूनियर रिसर्च फैलोशिप प्राप्त करने के लिए आयोजित किया जाता है.
असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए किसी भी केडिडेट को नेट परीक्षा पास होना अनिवार्य होता है. इसके लिए कोई कैटेगोरी मायने नहीं रखती है। वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने केडिडेटस को कहा है कि वो पास इसलिए हुए है क्योकि वे अपने कोटे के जरिये नेट परीक्षा पास किये है। जिसको लेकर छात्रों ने होल्कर भवन का घेराव किया और इंटरव्यू को रुकवाने की मांग की है.
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