मोदी सरकार का व्यापारिक रक्त चरित्र
By-Gaurav
डॉ मनीषा बांगर~
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार कहा था कि उनके खून में व्यापार है। यानी वे बनिया हैं। उन्होंने कल अपने इस रक्त चरित्र का सबूत भी दे दिया। कल वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि भारत सरकार पाकिस्तान से आयात पर 200 फीसदी कर लगाएगी। साथ ही वे यह भी कह रहे हैं कि भारत सरकार पाकिस्तान को व्यापार की काली सूची में डाल देगी। बताया जा रहा है कि यह सब बदला लेने के लिए किया जा रहा है। 14 फेब्रुवारी 2019 को एक आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 42 जवान मारे गए थे।
भारत सरकार इस घटना के पीछे पाकिस्तानी हुकूमत को जिम्मेदार बता रही है। हालांकि अभी तक भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ कोई अधिकारिक आरोप नहीं लगाए गए हैं। न तो भारत सरकार ने दिल्ली में पाकिस्तानी राजदूत को बुलाकर डांट-फटकार लगायी है और न ही भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय फोरम को यह बताया है कि पुलवामा में जो घटना घटित हुई, उसे पाकिस्तान ने कैसे अंजाम दिया।
अब सवाल उठता है कि भारत सरकार के समक्ष ऐसी कौन सी मजबूरी है जो वह पाकिस्तान का नाम लेने से हिचक रही है? जब जैश-ए-मोहम्मद ने घटना की जिम्मेवारी ले ली है, तब भी भारत सरकार को किस सबूत की आवश्यकता शेष रह गई है? क्या भारत सरकार यह नहीं जानती है कि जैश-ए-मोहम्मद का संचालन वहीं मसूद करता है जिसे छुड़वाने के लिए आतंकियों ने कंधार विमान अपहरण को अंजाम दिया था और तब अटल बिहारी वाजपेयी हुकूमत ने घुटने टेक दिया था?
पण, मूल सवाल अब भी यही है कि आखिर भारत सरकार यानी नरेंद्र मोदी सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के बदले आर्थिक प्रतिबंध का नाटक क्यों खेल रही है? क्या उसके लिए सिपाहियों की जान से बढ़कर पैसा है?
चलिए भारत सरकार के इस तर्क पर विचार करते हैं कि भारत के द्वारा प्रतिबंध लगाने से पाकिस्तान की आर्थिक रीढ़ टूट जाएगी। लेकिन यह सच नहीं है। पाकिस्तान जितना भारत को निर्यात करता है वह उसके कुल निर्यात का महज 4.5 फीसदी है। ऐसे में यह तर्क तो निराधार ही है कि भारत के प्रतिबंध लगाने से उसकी रीढ़ टूट जाएगी। वैसे जेटली ने पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात नहीं कही है। केवल इतना ही कहा है कि आयात पर 200 फीसदी कर लगाए जाएंगे।
तथापि, दाद दिजीए नरेंद्र मोदी सरकार के व्यापारी रक्त चरित्र की।
डॉ मनीषा बांगर~
~ सामाजिक राजकीय विचारवंत, ~ सामाजिक राजकीय विचारवंत.
~ सामाजिक राजकीय विचारवंत ,
~ माजी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष BAMCEF
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