Home State Bihar & Jharkhand राबड़ी देवी जी को “ट्विटर” कहना नही आएगा,ऐसा “आज तक” के निशांत “चतुर्वेदी” जी बोलते हैं…

राबड़ी देवी जी को “ट्विटर” कहना नही आएगा,ऐसा “आज तक” के निशांत “चतुर्वेदी” जी बोलते हैं…

By-चन्द्रभूषण सिंह यादव

जाति का दम्भ कितनी दूर तक हिलोरे मारता है इसकी एक बानगी भर है श्रीमान निशांत “चतुर्वेदी” जी का ट्वीट जिसमे वे आदरणीय राबड़ी देवी जी(पूर्व मुख्यमंत्री-बिहार) के बारे में लिखते हैं कि “अच्छा जी राबड़ी देवी जी भी ट्वीट करती हैं😊कोई इनसे बोले कि ये बस तीन बार ट्विटर बोल कर बता दें😊।”
ये निशांत चतुर्वेदी जी “चतुर्वेदी” हैं।चतुर्वेदी मतलब चतुर हैं चारो वेदों के जानने वाले हैं।भई चतुर्वेदी जी!होंगे आप चारो वेदों के ज्ञाता या नही होंगे ज्ञाता,इससे हमें क्या लेकिन राबड़ी देवी जी के पासंग में भी आप नही होंगे,यह निश्चित है।
आप “आज तक” न्यूज चैनल में हैं।आपका दृष्टिकोण बता रहा है कि कितना जहर भरा है आपके दिल व दिमाग मे इस देश के वंचितो/पिछड़ो/महिलाओं के प्रति।न्यूज रिपोर्टिंग के क्षेत्र में या न्यायपालिका के क्षेत्र में कोई हो उसका चरित्र जातिवादी तो नही ही होना चाहिए लेकिन यह भी सही है कि जब आप चतुर्वेदी हैं तो न्यायिक/समतावादी चरित्र नही ही होगा।आप जातीय/नस्लीय दुर्भावना से ग्रस्त रहेंगे ही रहेंगे।न्यायिक व बड़ी से बड़ी बलि देने का चरित्र बलि के खानदान वालो में ही होगा न कि बामन भगवान के आप जैसे चतुर्वेदी में।
निशांत जी !समझिए परिस्थितियां क्योकि अब जातीय निशा का अंत हो रहा है।ब्राह्मणवाद का निशांत होने वाला है,समतावाद का सूर्योदय होने को आतुर है।आसमान में इस असमानता का “निशांत” ही राबड़ी देवी जैसी अहीरिन के अभ्युदय का कारण है जो आपको पीड़ा प्रदान कर रहा है।


निशांत चतुर्वेदी जी!आपके जीवन का निशांत हुवा या नही यह तो आप जाने लेकिन वर्तमान अम्बेडकरी भारतीय सँविधान ने जरूर पिछड़ो/दलितों/महिलाओं के जीवन मे मनुवाद रूपी रात्रि का विनाश कर ऊर्जावान सूर्य का उदय कर दिया है।आप जैसे मनुवादियों के अंदर इस बात की अकुलाहट है कि मनुवाद की निशा क्यो कायम नही है जबकि राबड़ी देवी जैसी हजारो वर्ष से पछाड़ी गयी असंख्य महिलाओं,लालू जी जैसे अनगिनत वंचित समाज के पुरुषों में चहचहाहट है कि अब निशांत हो हरेक दिशांत में रोशनी आने लगी है।आप जैसे द्विवेदी,त्रिवेदी,चतुर्वेदी आदि पर राबड़ी,लालू, भगवतिया,तूफानी,खचेड़ू जैसे लोग भारतीय संविधान के कारण दहाड़ने लगे हैं और आप जैसे विचारे अपनी लाचारी,बेबसी का इजहार राबड़ी जी पर किये गए ट्वीट की तरह ट्वीट कर व्यक्त कर मन मसोस कर रह जा रहे हैं।
राबड़ी जी ट्वीट नही कह पाएंगी,ऐसा निशांत चतुर्वेदी जी आप सोचते हैं लेकिन आप की चौंधियाई हुई आंखे लालू व तेजस्वी के तेज को नही देख पा रही है जिनके एक इशारे पर पूरा बिहार व देश उबलने को तैयार बैठा है।कोई कोल्ड ड्रिंक पीजिए, मन-मस्तिष्क ठंडा करिए,समय से समझौता करना सीखिए क्योकि अब चतुर्वेदी जी बहुजन जाग रहा है कुम्भकर्णी निद्रा से।राबड़ी देवी जी को आंक व माप पाना आप जैसो के बूते में नही है।बस ऐसी टिप्पड़ियों से आपको बचना चाहिए क्योंकि यह रामराज का काल नही है,यह सँविधान राज/अम्बेडकर वाद का काल है।

Via~चन्द्रभूषण सिंह यादव
कंट्रीब्यूटिंग एडिटर-“सोशलिस्ट फैक्टर”(इंग्लिश मंथली मैगजीन)
प्रधान संपादक-“यादव शक्ति”(हिंदी त्रैमासिक पत्रिका)

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