स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं!
स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं! उन सभी महान् नेताओं-कार्यकर्ताओं और आम जन को सलाम, जिन्होंने आजादी हासिल करने के लिए संघर्ष किया! आज आजादी, लोकतंत्र और संविधान के सामने गंभीर चुनौतियां हैं! पर आम लोग क्या इन चुनौतियों और खतरों से वाक़िफ हैं? क्या आज देश के पास स्वतंत्रता आंदोलन के दौर जैसा प्रौढ़, ईमानदार और समझदार नेतृत्व है? हमारी तमाम समस्याओं के कई कारणों में एक कारण यह भी है कि आज उस तरह का नेतृत्व नहीं है ! बीते सात दशकों में हमने तरक्की तो की है लेकिन उसमें संतुलन और समावेशी स्वरुप का अभाव नजर आता है! अर्थव्यवस्था का आकार तो बहुत बढ़ा है पर गैर-बराबरी, बेरोजगारी और बेहाली भी भयानक है! पिछले कुछ समय से अर्थव्यवस्था के हालात ज़्यादा ख़राब हुए हैं!
बंटवारे के दौरान और कुछ बाद तक देश के कई हिस्सों में जिस तरह के सांप्रदायिक तनाव और विद्वेष का माहौल था, इतने बरस बाद देश के कई इलाकों में उस माहौल की वापसी सी हो गई है! उस दौर के जहरीले माहौल ने महात्मा गांधी की जान ले ली, एक ‘कट्टर हिंदुत्ववादी सिरफिरे’ ने उन जैसी महान् आत्मा पर गोलियां चला दीं! आज भी अलग-अलग क्षेत्रों में आम और खास लोग भयावह किस्म की कट्टरता और सांप्रदायिक विद्वेष के शिकार हो रहे हैं! इससे भारत के ताकतवर, समृद्ध और खुशहाल राष्ट्र बनने का रास्ता बार-बार अवरुद्ध हो रहा है!
सोचिए, हम कश्मीर जैसे अपने एक अंदरुनी मसले को भी राजनीतिक-प्रशासनिक स्तर पर सुलझा नहीं सके! अब सत्ता की विधायी और सैन्य ताकत से उसे हल करने का ‘अभूतपूर्व प्रशासनिक प्रयोग’ हो रहा है! ‘धरती का स्वर्ग’ कहे जाने वाला कश्मीर कुछ समय से ‘जिन्दा लोगों का नर्क’ बना हुआ है!
स्वतंत्रता दिवस पर आइए इन चुनौतियों पर ईमानदार चिंतन का संकल्प लें और इससे ज्यादा समृद्ध, समावेशी और खुशहाल भारत के निर्माण के विचार को ताकत देने में जुटें!
आप सबको एक बार फिर स्वतंत्रता दिवस की बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं।
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…