तुमच्या मनात के-मुलगी नाटक पाळणा लग्न करण्यास तयार, ऐका…
करून- Aqil Raza ~
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 आणि 35 ए हटाने के बाद देश में खुशी की लहर है। यह खुशी की वाकई लहर है या फिर ऐसा हमें दिखाया जा रहा है। क्या जिन लोगों के लिए यह फैसला आया है उन्हें भी इस बात से खुशी है? क्या जम्मू कश्मीर के लोग वहां की आवाम इस फैसले का समर्थन करती है? इन सवालों का जवाब आपको नहीं पता होगा, क्योंकि आपको वो सब दिखाया ही नहीं गया है।
बहरहाल अब हम उन लोगों की बात करेंगे जो सोशल मीडिया पर खुशी तो मना रहे हैं लेकिन किस बात की यह अभी उन लोगों को भी नहीं पता है। आप जैसे सेशल मीडिया पर जाएंगे तो देखेंगे की कथित राष्ट्रभक्त, देशभक्त, भारत मां की जय का नारा लगाने वाले, और आए दिन अक वर्ग को राष्ट्रभक्ति का सर्टिफिकेट देने वाले अपनी गंदी मानसिकता का मुज़ाहिरा पेश कर रहे हैं, कश्मीर के कल्चर, कश्मीर की खूबसूरती, यहीं तक की कश्मीर की बेटी यानी इस देश की बेटी को अपनी गंदी मानसिकता से पलीत कर रहे हैं।
इनके लिखे कमेंट्स नीचता की उस हद को पार कर रहे हैं जो यहां दिखाने लायक भी नही हैं, ऐसा लग रहा है कि देश के गृह मंत्री ने केवल धारा 370 को हटाया बल्कि इन कथित देश भक्तों को कश्मीर की आवाम खासकर वहां की बेटियों के बारे में कुछ भी बोलने, कुछ भी लिखने का अधिकार दे दिया हो।
और यही वजह है जो खुलेआम भद्दे कमेंट्स कश्मीर की युवतियों के फोटो शेयर करके लिखे जा रहे हैं, क्या यह सरकार या प्रशासन को पता नहीं चल रहा होगा, अगर ऐसा नहीं है तो इनपर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। जब कश्मीर हामारा है तो कश्मीरियों के लिए दिमाग में इतनी गंदगी कहां से भरी है। अच्छा होता कि अमित शाह खुद इसपर बोलते और कहते की अब कश्मीर की बेटी को अपने घर की बहू भी बना सकते हो और कश्मीरी बेटे को अपना दामाद भी।
जो लोग कश्मीर से बहु लाने के सपने को सोशल मीडिया पर लिखकर अपने आप को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं, लेकिन क्या वो लोग अपनी बहन या बेटी को भी कश्मीरी लड़के के साथ शादी कराने के लिए भी अपना गौरव समझेंगे और सोशल मीडिया पर खुशी खुशी लिखेंगे की अब उनकी बहन भी कश्मीर की हसीन वादियों में रहेगी। हालंकि कश्मीरी ऐसा पहले भी कर सकते थे लेकिन अब जिस मानसिकता से कश्मीर की लड़कियों का फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करके यह लिखा जा रहा है कि वो अपने लिए दुल्हन लेने कश्मीर जाएंगे उनकी मानसिकता में नीच पन के अलावा और कुछ भी नहीं है। यह बात आप भी जानते हैं।
कल के फैसले के बाद कितने यूवा देश की घटती अर्थ व्यवस्था, शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था, रोज़गार की समस्या को भूलकर उस कश्मीर की खुशी में झूम रहे हैं जो पहले से ही हमारा था, असल में गलती उनकी नहीं है, क्योंकि उनको दिखाया ही ऐसा जा रहा है, किसी ने नहीं बताया की देश को 5 ट्रिलियन का सपना दिखाने वाली सरकार में जीडिपी का ग्राफ निरंतर घटता जा रहा है। लेकिन उससे वैसे भी हमें क्या मतलब है और होना भी नहीं चाहिए, क्योंकि पढ़ लिखकर भी क्या होने वाला है, सेवा हि तो करनी है।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खटौली विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के विधायक विक्रम सिंह सैनी का बयान है कि अब उत्तर प्रदेश के कुंवारे जम्मू-कश्मीर की गोरी लड़कियों से विवाह कर सकते हैं। क्योंकि अनुच्छेद 370 खत्म हो चुका है। अब जब ऐसा बयान कोई कथित जनप्रतिनिधि दे तो उसका असर समाज पर क्या पड़ेगा।
सच में यह सब अजीब लगता है कि अपने आप को भारत मां का सच्चा सिपाही मानते हैं भारत मां की जय के नारे भी लगाते हैं लेकिन महिलाओं के लिए इन सबके मन में यह भाव उन उनके अंदर के अश्लीलता को बाहर ला रहा है। जो लोग इसे हिंदू मुस्लिम के अंगल से देखकर लिख रहे हैं वो भी इस बात को समझ लें कि कश्मीर की गौरी लड़कियां सिर्फ मुस्लिम परिवार से ही नहीं आती है बल्कि कश्मीर में जो पंडित रह हैं जो कि हिंदू हैं उनके परिवारों से भी आती हैं। लेकिन समझना यह ज़रूरी है कि बेटी हिंदू कि हो या मुस्लिम की हो, वो पहले इस देश की बेटी है, जो लोग ऐसा लिख रहे हैं उन्हे खुद गिरेवान में ढांकने की ज़रूरत है।
अगर आप इस तरह के लोगों का समर्थन कर रहे हैं, ऐसी पोस्टों को शेयर कर रहे हैं तो फिर आपको कोई अधिकार नहीं है कि आप किसी बलात्कारी के खिलाफ बोलें, क्योंकि आपकी यह सोच ही कुलदीप सिंह सेंहर जैसे आरोपियों को बढ़ावा देती है। वो समझ लेते हैं कि एक भीड़ जो कुछ भी करने पर उनके समर्थन में उतर आएगी।
और हां आखिर मेंआपको बताता चलूं कि जो लोग सोच रहें हैं कि यह सिर्फ एक ही तरफ के लोग हैं जो ऐसा करते हैं तो वो गलत हैं, क्योंकि जब हिमाचल से बीजेपी की नेता का एक कथित अशलील वीडियो वायरल हुआ था। तो उसको लेकर भी लोगों ने अपनी गंदी मानसिकता दिखाई थी। उसपर भी काफी भद्दे कमेट्स किए थे जो की नहीं करने चाहिए थे। अगर आप किसी को बदनाम करने के लिए मौका तलाशोगे तो हो सकता है कि आपके लिए बी कोई मौका तलाश ले। उम्मीद करुंगा कि सोशल मीडिया का स्तेमाल देश के लोगों में एकता और भाईचारा बढ़ाने के लिए कीजिए न कि दूरियां बढ़ाने के लिए।
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