Home State Bihar & Jharkhand औरैया: बसपा सुप्रीमों ने तोड़ी चुप्पी, शवों के साथ मजदूरों को भेजने पर जताई नाराजगी

औरैया: बसपा सुप्रीमों ने तोड़ी चुप्पी, शवों के साथ मजदूरों को भेजने पर जताई नाराजगी

औरैया हादसे पर बसपा सुप्रीमा ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने योगी आदित्यनाथ को औरैया के मजदूरों को घर पहुंचाने की सही व्यवस्था करने की बात कही है. इसके साथ ही कहा है कि यूपी सरकार संवेदनशील हो और औरैया घायलों को शवों के साथ नही बल्कि अलग से वाहन की व्यवस्था कर घर भेजा जाए.

दरअसल, बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा कि योगी सरकार औरैया जैसे दर्दनाक मामले में संवेदनशील हो. औरैया में टैंकर ट्रक और डीसीएम में जोरदार भिडंत के बाद 26 मजदूरों की मौत के बाद साबित होता है कि सरकारी मशीनरी सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का पालन नही कर रही है.

मायावती ने ट्वीट कर कहा कि औरैया, यूपी की भीषण दुर्घटना में मारे गए मजदूरों और घायलों को इकट्ठा ट्रक में भरकर उनके घर भेजने की हृदयहीनता पर उभरा जन आक्रोश उचित ही है. इससे साबित होता है कि सीएम के निर्देशों को गंभीरता और संवेदनशीलता से नहीं लिया जा रहा है. अति-दु:खद. दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो. उन्होंने आगे लिखा कि इतना ही नहीं बल्कि देश में अभी भी हर जगह लाखों गरीब प्रवासी मजदूर परिवारों की बर्बादी, बदहाली और भूख-प्यास के दृश्य मानवता को शर्मसार कर रहे हैं. खासकर ऐसे महाविपदा के समय में इन लोगों पर पुलिस और प्रशासन की बर्बरता को रोकना केन्द्र-राज्य सरकारों के लिए बहुत जरूरी है. उन्होंने आगे कहा कि सरकारों से अपील है कि वे अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी के साथ-साथ मानवता और इंसानियत के नाते भी घर वापसी कर रहे गरीब प्रवासी मजदूर परिवारों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने हेतु सरकारी शक्ति और संसाधन का पूरा इस्तेमाल करें, क्योंकि देश इनके ही बल पर ‘आत्मनिर्भर’ बनेगा.

गौरतलब है कि औरैया दर्दनाक हादसे में हुई मौत के बाद शवों को ट्रकों में भरकर झारखंड भेजा रहा था. इसके साथ ही उसी ट्रक पर शवों के साथ ही घायल मजदूरों को भी ले जाया गया था. इसके अलावा करीब 17-18 शवों को तीन ट्रकों से झारखंड के बोकारो और पश्चिम बंगाल भेजा गया.

बता दें कि 16 मई करीब 3.30 बजे यूपी के औरैया जिले में प्रवासी मजदूर DCM में सवार होकर अपने घरों को लौट रहे थे. जिस दौरान डीसीएम और ट्रक में टक्कर हो गई. दोनों में टक्कर इतनी जोरदार थी की इस बीच 26 मजदूरों की मौत हो गई और 15 लोग घायल हुए. लिहाजा इसके बाद भी यूपी सरकार ने इंसानियत को शर्मसार करने में कोई कसर नही छोड़ी. घायल मजदूरों के लिए अलग से घर पहुंचाने की व्यवस्था करने की जगह शवों के साथ ही घायलों को भी बैठा दिया. देश में ना जाने मजदूरों के हालात कब सुधरेंगे ?

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