भीमा कोरेगांव में कार्यक्रम के दौरान संघियों ने भड़काई हिंसा, एक शख्स की मौत
महाराष्ट्र। पूणे में भीमाकोरेगांव में कल जश्न के दौरान कुछ संघियों द्वारा हमला किया जाने के बाद हालात बेकाबू होने लगे हैं। हिंसा में एक शख्स की मौत भी हो गई है। बहुजन समाज में बेहद आक्रोश है। महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से अब हिंसा की खबरें सामने आ रही है।
दरअसल भीमाकोरेगांव में कार्यक्रम में देशभर से बहुजन सामाज के लाखों लोग आए थे। जश्न के दौरान ही कुछ शरारती तत्वों ने हिंसा को अंजाम दे दिया. सड़कों पर खड़े वाहनों में आग लगा दी, एक अंधी भीड़ ने लोगों पर हमला कर दिया। जिसके बाद एक खौफनाक मंजर में पूरा जश्न का माहौल तब्दील हो गया। बताया जा रहा है राइट विंग के कुछ लोग इस जश्न का विरोध कर रहे थे। जिसको लेकर इस विवाद ने हिंसा का रुप ले लिया।
पुलिस के मुताबिक लोग भीमाकोरेगांव में युद्ध स्मारक की ओर बढ़ रहे थे तभी पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं शुरु हो गईं। हिंसा में एक शख्स की मौत भी हो गई।
कार्यक्रम में एसएसी, एसटी के अलावा भारी तादाद में ओबीसी वर्ग के लोग भी मौजूद थे। कहा जा रहा है कि बहुजनों की एकता को तोड़ने के लिए संघियों ने इस वारदात को अंजाम दिया। इतना ही नहीं इतनी बड़ी हिंसा को हमारे देश की मैनस्ट्रीम मीडिया ने बिल्कुल ना के बराबर जगह दी।
प्राइम टाइम खबर: महाराष्ट्र के भीमाकोरेगांव में भड़की हिंसा
प्राइम टाइम खबर: महाराष्ट्र के भीमाकोरेगांव में भड़की हिंसा, संघियों ने किया बहुजनों पर हमला
Gepostet von National India News am Dienstag, 2. Januar 2018
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने मीडिया और सरकार पर तंज कसते हुए लिखा है, “भीमा कोरेगाँव में कल ब्राह्मणवादियों ने जो हिंसा की, उसके आईने में मीडिया को देखिए। दोस्त और दुश्मन की पहचान का सही मौक़ा है। जो ख़ामोश है, वह भी आपका दुश्मन है। बल्कि ज़्यादा शातिर दुश्मन है।“
हिंसा की इस घटना ने पूरे सिस्टम और देवेंद्र फणडवीस सरकार पर सावालिया निशान खड़े कर दिए हैं। आखिर इन शरारती तत्वों को किसका संरक्षण मिलता है, किसके इशारे पर इस तरह की हिंसा को अंजाम दिया जाता है।
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