चार साल में 4000 अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत
नई दिल्ली: सरकार के चार साल में डिजिटल अर्थव्यवस्था को 1000 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंचाने के लक्ष्य के बीच तकनीकी कंपनियों ने कहा कि इस अवधि में देश के पास डिजिटल अर्थव्यवस्था को 4000 अरब डॉलर के आंकड़े तक पहुंचाने की संभावना है. केंद्रीय कानून एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह बात यहां डिजिटल अर्थवस्था से जुड़े उद्योग जगत की शीर्ष कंपनियों के प्रमुखों से बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कही. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में प्रसाद ने कहा कि सरकार नयी इलैक्टॉनिक नीति, सॉफ्टवेयर नीति समेत कई नयी रणनीतियों को आगे बढ़ाएगी जो इस क्षेत्र को समर्थन प्रदान करेंगी. साथ ही डेटा की सुरक्षा के लिए भी एक ढांचा तैयार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस बात सभी भागीदारों ने कहा कि 1000 अरब डॉलर का आंकड़ा कम करके आंका गया है. भारत में 2 से 4 हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता है. डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने पर आयोजित इस बैठक में नास्कॉम के अध्यक्ष आर चंद्रशेखर, गूगल इंडिया के राजन आनंदन, विप्रो के रिशद प्रेमजी, इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन के राष्टीय अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू, इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुभो राय और हाइक मेसेंजर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी केविन भारती मित्तल आदि शामिल रहे. उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2022 तक देश को एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है. अभी देश में 450 अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था है. सुबह में बैठक के दौरान प्रसाद ने कंपनियों से सस्ती प्रौद्योगिकी और समावेशी माहौल तैयार कर चार सालों में भारत को एक हजार अरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में सरकार की मदद करने का आहवान किया था.
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…