JAMIA और AMU के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान हिंसा : CJI ने कहा- क्योंकि वे स्टूडेंट हैं इसका मतलब यह नहीं कि कानून हाथ में लें
नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा और उस पर हुई पुलिस की कार्रवाई के पर अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लिया है. मामले की सुनवाई अब 17 दिसंबर को होगी. अर्जी पर सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश एएस बोबडे ने कहा, ‘क्योंकि वे छात्र हैं इसका मतलब यह नहीं है कि कानून हाथ में लें. इस मामले पर तभी फैसला जब मामला शांत हो जाएगा. बवाल रुक जाने दीजिए. हम इस हालात में कोई फैसला नहीं दे सकते हैं’. नागरिकता कानून पर हो रही हिंसा पर संज्ञान लेने के वकीलों के अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम पर इस तरह से दबाव नहीं बनाया जा सकता.’ हम बस इतना चाहते हैं कि उपद्रव बंद हो जाने चाहिए. जस्टिस बोबडे ने कहा कि हम ये नहीं कह रहे हैं कि कौन जिम्मेदार है. हम बस चाहते हैं कि अभी कोर्ट में शांति बनाए रखें. यह मामला हमारा समाने आने दीजिये फिर हम देखेंगे. CJI ने कहा कि बसों को आग लगाई गई है. सरकारी संपतियों को नुकसान पहुंचाया गया.
प्रधान न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता को फटकारते हुए कहा कि यह क्या तरीका है? CJI ने कहा कि इस मामले में हम शांत माहौल मे तय करेंगे. ऐसे माहौल मैं मामले को कैसे सुना जा सकता है. हम देखेंगे कि हम क्या कर सकते हैं. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना बंद हो. इस पर इंदिरा जय सिंह ने कहा कि पुलिस आग लगा रही है. इस दौरान इंदिरा जयसिंह ने इतनी जोर-जोर से बोला कि कोर्ट को कहना पड़ा कि पहले आप माइक बंद करें.
इंदिरा जय सिंह ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय सहित सारे देश में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ हिंसा की जा रही है कई लोग अस्पताल में पडे हैं और उनके खिलाफ ही FIR दर्ज की गई है, गिरफ्तार हुए हैं. यह मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन है. जामिया में पुलिस ने ही बसें जलाईं हैं. इसके साथ ही कई वकीलों ने कहा कि कई छात्र गायब हैं. इस पर प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि हिंसा रुकनी चाहिए, हम यह चाहते हैं. बोबडे ने कहा कि हमारे पास अनुभव है कि कैसे दंगा कैसे होता है. हम ऐसे माहौल में कोई फैसला नहीं दे सकते हैं. हम पहले सुनवाई करेंगे फिर देखेंगे कि किसने दंगा किया.
(अब आप नेशनल इंडिया न्यूज़ के साथ फेसबुक, ट्विटर और यू-ट्यूब पर जुड़ सकते हैं.)
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…