जजों का विद्रोह: जस्टिस लोया केस में अब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस खुद करेंगे सुनवाई
नई दिल्ली। सोहराबुद्दीन ट्रायल के जज बीएच लोया की मौत की स्वतंत्र जांच की याचिका पर CJI दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर की बेंच 22 जनवरी को सुनवाई करेगी. इससे पहले 16 जनवरी को जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस मोहन एम शांतनागौदर की बेंच ने आदेश में कहा था कि इस मामले को उचित बैंच के सामने लगाया जाए।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा और जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि कांग्रेस नेता तहसीन पूनावाला और महाराष्ट्र के पत्रकार बीएस लोन की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की उपयुक्त पीठ सुनवाई करेगी।
बता दें कि जज लोया की मौत साल 2014 में कार्डिएक अरेस्ट से हुई थी, उस दौरान वह राजनीतिक रूप से संवेदनशील सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों की 12 जनवरी को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जज लोया की मौत का मामला उठा था. इसके बाद खबर आई थी कि मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अरुण मिश्रा इस मामले को इस तरह उठाए जाने से आहत हो गए थे। चारों जजों ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की कार्यशैली और केस के बंटवारे पर असंतोष जाहिर किया था।
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