Home State Bihar & Jharkhand देशभक्ति के नाम पर कहीं मोदी इमरजेंसी तो नहीं थोपना चाहते?

देशभक्ति के नाम पर कहीं मोदी इमरजेंसी तो नहीं थोपना चाहते?

Published by- Aqil Raza
By- Dr. Manisha Bangar

भारत द्वारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकवादियों के कैंपों को तबाह किए जाने का समाचार आज दूसरे दिन भी सुर्खियों में है। भारतीय मीडिया ने इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है। भाजपा के नेतागण भारतीय वायु सेना के इस हमले को नरेंद्र मोदी की बहादुरी साबित कर रहे हैं। उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने तो यहां तक कह दिया है कि अब पाकिस्तान भविष्य में पुलवामा जैसी घटना को अंजाम देने से पहले सौ बार सोचेगा। सबकुछ ऐसा बताया जा रहा है कि यह हमला वायु सेना ने नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद किया हो।

वहीं विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए तालियां तो नहीं बजा रहे, परंतु वायु सेना को उसकी जांबाजी की दिल खोलकर तारीफ कर रहे हैं। मानों वायु सेना ने हमला करने का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिना पूछे या फिर बिना उनकी सहमति के लिया हो।

अब जरा इस हमले के बाद की स्थिति पर गौर फरमाएं। चूंकि देश में चुनाव होने हैं, इसलिए आम जनता (संघ के समर्थकों को छोड़कर) यह मान रही है कि यह सब राष्ट्रवाद के नाम पर वोट लूटने की कोशिश है। हालांकि आम जनता को इस बात की खुशी है कि भारतीय सेना ने प्रतिकार किया। वहीं वह इस बात से सशंकित भी है कि अब क्या होगा? क्या फिर से युद्ध की नौबत आ गई है? चीन पाकिस्तान के साथ है, अमेरिका भी पाकिस्तान का खुलकर विरोध नहीं रकता है, रूस का हाल भी कुछ-कुछ वैसा ही है। ऐसे में भारत क्या खुलकर पाकिस्तान पर हमला कर सकेगा?

अब बात उन मुद्दों की जो वायु सेना के विमानों से गिराए गए बमों में नेस्तनाबुद होते दिखाई दे रहे हैं। विभागवार आरक्षण के लाख विरोध के बावजूद विश्वविद्यालयों में नियुक्तियां की जा रही हैं और एससी, एसटी और ओबीसी का हक मारा जा रहा है। वहीं सवर्ण आरक्षण को अमलीजामा पहनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। अभी हाल ही में आदिवासियों को उनकी जमीन बेदखल करने का मामला भी नरेंद्र मोदी की साजिश का शिकार हो चुका है।

बहरहाल, जिस तरह के हालात अभी देश में हैं, कुछ नहीं कहा जा सकता है। भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु शक्ति से लैस हैं और दोनों देशों के हुक्मरानों के पास गंभीरता का अभाव है। फिर चाहे वह हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या फिर उनके प्रधानमंत्री इमरान खान। इमरान खान की समस्या तो और बड़ी है। वहां सेना का हस्तेक्षेप बढ़ता जा रहा है। इतना तो जरूर कहा जा सकता है कि पाकिस्तान चुप तो नहीं बैठेगा। ऐसे में उसका हमला कैसा होगा और भारत उसका किस प्रकार जवाब देगा, यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल तो दोनों देशों में जंग के आसार तेज हो गए हैं। कदाचित यह भी संभव है कि आने वाले समय में मोदी देश में इमरजेंसी लागू कर दें। लेकिन क्या होगा यदि ऐसा होगा?

सोचिए, क्योंकि यह धरती हमारी है और यह वतन हमारा है। पाकिस्तान भी कोई गैर मुल्क नहीं, हमारी संस्कृति और हमारा इतिहास साझा है। यह भी हमें याद रखनी चाहिए।

~ डॉ मनीषा बांगर

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पीपीआई(डी)
पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, बामसेफ

 

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