JNU हिंसा: मोदी जी और शाह जी ने 90 साल बाद दिला दी नाजी शासन की याद
कांग्रेस ने गृह मंत्री अमित शाह पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हमला करने वालों को संरक्षण देने का आरोप लगाया और कहा कि इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, ”मोदी जी और अमित शाह जी ने छात्रों पर दमन चक्र चलाकर नाजी शासन की याद 90 साल बाद दिला दी. जिस तरह से छात्रों, छात्राओं और शिक्षकों पर हमला किया गया और जिस प्रकार पुलिस मूकदर्शक बनी रही, वह दिखाता है कि देश में प्रजातंत्र का शासन नहीं बचा है.” उन्होंने कहा, ”युवा प्रजातंत्र और संविधान पर हमले के खिलाफ आवाज उठाते हैं तो उनकी आवाज दबाई जाती है. जान लीजिए मोदी, युवाओं की आवाज नहीं दबने वाली है. सरकार प्रायोजित आतंकवाद और गुंडागर्दी नहीं चलने वाली है.”
सुरजेवाला ने कहा, ”ऐसा लगता है कि मोदी और अमित शाह की सरकार के रूप में नाजी शासन आ गया है. इन गुंडों का ताल्लुक भाजपा और एबीवीपी से था. यह सब कुलपति की मूक सहमति से हो रहा था. यब सब अमित शाह के मौन समर्थन से हुआ. ”उन्होंने कहा, ” हम मोदी जी, अमित शाह जी, भाजपा और एबीवीपी की कड़ी निंदा करते है.”सुरजेवाला ने कहा, ”सरकार प्रायोजित आतंकवाद और गुंडागर्दी के लिए अमित शाह जिम्मेदार हैं. अमित शाह जी, आपकी किसी जांच पर भरोसा नहीं है क्योंकि इस गुंडागर्दी को आपका संरक्षण हासिल था.”उन्होंने कहा, ”हमारी मांग है कि न्यायिक जांच हो. उच्चतम न्यायालय अथवा दिल्ली उच्च न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायधीश से जांच कराई जाए. इसी से सच्चाई सामने आएगी.”
जेएनयू गेट पर रविवार रात मौजूद रहे कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज ने दावा किया कि हिंसा में भाजपा के लोग शामिल थे.
उन्होंने कुछ भाजपा नेताओं के नाम भी लिए और दावा किया कि ये लोग भड़काऊ नारे लगा रहे थे. उदित राज ने यह आरोप भी लगाया कि गुंडे वहां पुलिस की मिलीभगत से हिंसा कर रहे थे. इससे पहले सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ”मोदी जी और अमित शाह जी की आख़िर देश के युवाओं और छात्रों से क्या दुश्मनी है? कभी फ़ीस वृद्धि के नाम पर युवाओं की पिटाई, कभी सविंधान पर हमले का विरोध हो तो छात्रों की पिटाई.! ”उन्होंने दावा किया, ”जेएनयू परिसर पर हमला सुनियोजित था. हमले को जेएनयू प्रशासन का समर्थन हासिल था. गुंडों का संबंध भाजपा से था. छात्र और शिक्षक पीटे जाते रहे और दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही. यह मोदी-शाह का छात्रों के लिए गुजरात मॉडल है.”
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…