नजीब केस में सीबीआई का नया खुलासा, सवालों के घेरे में दिल्ली पुलिस
By- Aqil Raza
जेएनयू के छात्र नजीब अहमद के लापता होने के बाद से अबतक पुलिस को कोई भी पुख्ता सुराग नहीं मिला है. हरियाणा पुलिस की किरकिरी कराने के बाद अब सीबीआई ने दिल्ली पुलिस को कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। सीबीआई ने दिल्ली पुलिस के उस दावे को झुठला दिया है जिसमे उसने कहा था कि नजीब को आखिरी बार एक ऑटो वाले ने देखा था. उसी ने नजीब को जामिया यूनिवर्सिटी के पास छोड़ा था.
हालांकि नजीब की छानबीन को लेकर पहले से ही दिल्ली पुलिस पर सवाल उठते रहे हैं. और अब दिल्ली सीबीआई ने मंगलवार को हाईकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा है कि दिल्ली पुलिस ने दबाव बनाकर ऑटो वाले से झूठा बयान दिलवाया था. सीबीआई की इस रिपोर्ट के बाद से दिल्ली पुलिस की जांच पर कई सवाल खड़े हो गए हैं.
दूसरी ओर हाईकोर्ट ने सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को जमा कर लिया है. अब इस पर 21 दिसम्बर को सुनवाई होगी. वहीं कोर्ट को जेएनयू के 9 छात्रों के मोबाइल की फॉरेंसिक रिपोर्ट आने तक इंतजार करने के लिए कहा है. आपको बता दें कि पिछले 21 अक्टूबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को फटकारते हुए कहा था कि सीबीआई इस मामले में दिलचस्पी से जांच नहीं कर रही है, सीबीआई के डीआईजी नजीब को खोजने के लिए ठीक से सुपरवाइज नहीं कर रहे हैं। कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वे एक बेहतर स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करें।
इस मामले पर नजीब की मां फातिमा नफीस ने भी दिल्ली पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. नजीब की मां का कहना है कि हम पहले दिन से कह रहे हैं कि दिल्ली पुलिस दवाब में आकर जांच कर रही है. उसने कभी भी मन से नजीब को तलाश करने की कोशिश नहीं की. वह उल्टे कुछ आरोपी छात्रों को बचाने में लगी हुई है।
नजीब के लापता होने के इतने दिन बाद भी नजीब का कोई सुराग नहीं मिलना सिर्फ प्रशासन ही नहीं पूरे सिस्टम और सरकार पर सवालिया निशान खड़े करता है। लेकिन ऐसे में उस मां का क्या जो अपने लख्ते जिगर को देखने के लिए पल-पल तड़प रही है. सवाल इस बात का भी है कि आखिर कब इस मां के आंसुओं की कीमत प्रशासन को समझ आएगी? कब तक इसी तरह एक मां अपने बेटे के लिए दर की ठोकरे खाती रहेगी?
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