लेनिन की मूर्ती के बाद पेरियार की प्रतिमा को किया क्षतिग्रस्त
By- Aqil Raza
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में सरकार बनाने के बाद अब देश में एक और नए विवाद ने जन्म ले लिया है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने पूरानी बनी मूर्तियों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। 6 मार्च को तमिलनाडू के वेल्लुर जिले में समाज सुधारक और द्रविड़ आंदोलन के संस्थापक ईवी रामासामी ‘पेरियार’ की प्रतिमा कथित रूप से क्षतिग्रस्त कर दी गई। इस घटना के बाद जिले में हंगामा मच गया, और लोगों में आक्रोश फेल गया। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और 2 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है।
वहीं कोलकाता के टॉलीगंज स्थित केवाईसी पार्क में लगी श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति को निशाना बनाया गया है। इससे पहले 5 मार्च को त्रिपुरा के बेलोनिया में बुलडोजर की मदद से रूसी क्रांति के नायक व्लादिमिर लेनिन की मूर्ति को गिरा दिया गया था।
इस घटना को लेकर बीजेपी घिरती दिखाई दे रही है। बीजेपी नेता एच राजा ने सोशल मीडिया पर तमिल में पोस्ट में लिखा था, “लेनिन कौन है? भारत से उनका क्या रिश्ता है? वामपंथियों का भारत से क्या रिश्ता है? त्रिपुरा में लेनिन की प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया गया है। आज लेनिन की प्रतिमा, कल तमिलनाडु के ईवीआर रामास्वामी (पेरियार) की प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया जाएगा।”
लेकिन सवाल इस बात का है कि देश में बीजेपी नेता किस तरह का माहौल पैदा करना चाहते है, क्या इससे देश के लोकतंत्र को खतरा नहीं है। लोकतंत्र की ताकत सभी विचारधाराओं को साथ लेकर चलने की होती है, इस तरह किसी विचारधारा को खिलाफ हिंसा फैलाना सत्ता में बैठी सरकार के लिए कतई वाजिब नगहीं है।
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