तो कचरा बहुजन मुलगी संदेश देशातील कट करू इच्छिते?
BY_SADDAM KARIMI
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मथुरा में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि नदियों, झील और तालाब में रहने वाले प्राणियों का प्लास्टिक को निगलने के बाद जिंदा बचना मुश्किल हो जाता है। सिंगल यूज प्लास्टिक से छुटकारा पाना ही होगा। हमें यह कोशिश करनी है कि इस वर्ष 2 अक्टूबर तक अपने घर, दफ्तर, कार्यक्षेत्र को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करें। सिंगल यूज प्लास्टिक यानी ऐसा प्लास्टिक जिसे एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है। वहीं मथुरा में कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कचरा बीनने वाली महिला से बातचीत की। साथ ही उन्होंने कचरा बीनने वाली महिला को कचरा बिनने में हाथ भी बटाया।
लेकिन प्रधानमंत्री मोदी सफाईक्रमी महिला से मिलकर क्या संदेश देना चाहते है। खैर,अपने आसपास के घटनाक्रमों को ध्यान से देखें तो लगता है, इन दिनों अपने समाज में ‘क्राइम’ और ‘पनिशमेंट’ की नई परिभाषा गढ़ी जा रही है! डॉ अम्बेडकर, टाल्सटाय,नेहरू या भगत सिंह को पढ़ने-समझने की कोशिश करने वाले बुद्धिजीवियों के घरों में छापेमारी हो रही है। और माब-लिंचिंग व दुष्कर्म के आरोपियों का खुलेआम बचाव हो रहा है। ये किस हद तक सही है..ऐसे हो रहे घटना पर रोक लगना चाहिए। इस पर भी मौजूदा सरकार से मेरी एक छोटी सी अपील है। इस बात का जिक्र मैं इस लिए कर रहा हूं कि आपको पता चले कि हमारे देश में लोकतंत्र को किस तरह धवस्त किया जा रहा है। खैर,आगे बढ़ते है।

इस मौके पर पीएम के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ और कैबिनेट के कई मंत्री मौजूद थे। पीएम मोदी की ओर से मिले इस सम्मान से सभी सफाईकर्मी खुश नजर आ रहे हैं। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि खुद प्रधानमंत्री ने उनके पांव धोए हैं। लेकिन आप खुद ही सोचिए एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी कहते है कि हम डीजिटल इंडिया बनाएगें। देश में स्वच्छता अभियान जैसे कई अहम मुहिम चलाया गया। वो वहीं सीमित रह गया। लेकिन एक सफाईकर्मी से मिलकर या पैर धोने से देश के वजीरे आज़म क्या संदेश देना चाहते है। मौजूदा सरकार क्यों नहीं कहते कि आपके लिए मशीन लाई जाएगी आपको भी कूड़ा और कचरा बीनने से मुक्ती मिलेगी। बल्कि प्रधानमंत्री तो बस ये संदेश रहे है कि आपका काम है ये करे और आप सफाईकर्मी तक ही सीमित रहे। ये मैं नहीं कह रहा हूं देश में 85 फिसदी आबादी वाले लोग भी यहीं बोल रहे है। हालांकि प्रधानमंत्री जिस तरह से सफाईकर्मी से मिलकर बात करते है या पैर धोते है। इससे बेहतर होगा उनके हित में काम करें और उन सफाई कर्मी को कचरा बिनने से निजात दिलाएं।
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