पुलिस से भिड़े तथाकथित भगवाधारी, ममता ने कहा, “क्या राम ने कहा था हथियारों के साथ रैली निकालने”
BY- AQIL RAZA
रामनवमी पर जुलूस को लेकर पश्चिम बंगाल में सोमवार को दूसरे दिन भी हिंसा की घटनाएं हुईं. राज्य के मुर्शिदाबाद और बर्द्धमान जिलों में भगवा संगठनों के सदस्यों और पुलिस के बीच झड़प हुई. इस दौरान फेंके गए एक बम के फटने से एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को अपना एक हाथ गंवाना पड़ा.
पुरुलिया में रामनवमी पर जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए थे. पुलिस ने बताया कि बीजेपी समर्थकों ने पश्चिम बंगाल में रविवार को कई स्थानों पर सरकारी प्रतिबंध की अनदेखी करते हुए सशस्त्र रैली निकाली.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे जो कल राज्य में रामनवमी पर जुलूस के दौरान तलवार और अन्य हथियार लेकर चल रहे थे. उन्होंने किसी को भी नहीं बख्शने की बात कही.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में हुई हिंसा पर कहा, “क्या भगवान राम ने किसी से हथियारों व तलवार के साथ रैली करने को कहा था? क्या हम राज्य प्रशासन और कानून-व्यवस्था को इन गुंडों के हाथों में छोड़ सकते हैं, कौन राम को बदनाम कर रहा है? मैं पुलिस महानिदेशक (डीजी) व सभी पुलिस अधीक्षकों को इस तरह की रैली आयोजित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दे रही हूं. किसी को भी बख्शा नहीं जाना चाहिए.”
मुर्शिदाबाद के कंडी इलाके में सोमवार को उस वक्त संघर्ष हुआ जब रामनवमी की रैली में हिस्सा लेने वाले, कथित तौर पर तलवार और त्रिशूल से लैस लोगों ने थाना में घुसने का प्रयास किया. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कम से 10 लोग घायल हुए जब रामनवमी उत्सव समिति के सदस्यों की इलाके में जुलूस के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ झड़प हो गई. लेकिन सवाल इस बात का है कि त्योहार के नाम पर उपद्रव फैलाना कितना वाजिब है। कभी त्योहार के नाम पर, कभी संस्कृति के नाम पर, तो कभी आस्था के नाम पर इस देश की अर्थ व्यवस्था और कानून व्यवस्था को नुकसान क्यों पहुंचाया जाता है।
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