कांग्रेस की उड़ान भरने से पहले पायलट को बड़ा झटका
सचिन पायलट और कांग्रेस में मनमुटाव बरकरार है। राहुल और प्रियंका गांधी के मनाने के बाद भी सचिन पायलट कांग्रेस में वापस आने को तैयार नहीं है। लेकिन अब राजस्थान में जारी सियासी दंगल अब कानूनी लड़ाई में तब्दील हो चुका है। दराअसल सचिन पायलट गुट की ओर से गुरुवार को राजस्थान की हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
बता दें की विधानसभा स्पीकर की ओर से बागी विधायकों को जो नोटिस दिया गया है, उसके खिलाफ ये याचिका है। अब कोर्ट पर हर किसी की निगाहें हैं, क्योंकि अगर अदालत नोटिस पर स्टे नहीं देता है तो सचिन पायलट के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
वहीं अब जब मामला कानूनी हो गया है तो कांग्रेस को भी उम्मीद दिख रही है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो अगर अदालत की ओर से नोटिस पर स्टे नहीं दिया जाता है, तो कांग्रेस बागी विधायकों को मना कर वापस बुला सकती है। क्योंकि तब सचिन पायलट गुट के विधायकों को अपनी सदस्यता खोने का डर होगा। सूत्रों का मानना है कि कांग्रेस की कोशिश है कि अपने गुट को मजबूत किया जाए, कम से कम पांच विधायकों को वापस लाया जाए ताकि आगे सरकार सही तरीके से चल सके।
साथ ही कांग्रेस को अब इस बात पर यकीन होने लगा है कि सचिन पायलट को बीजेपी समर्थन कर रही है। दरअसल, दोपहर को होने वाली सुनवाई में सचिन पायलट गुट की ओर से हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी पक्ष रखेंगे, जिन्हें सरकार का करीबी माना जाता है।
सचिन पायलट गुट को विधानसभा स्पीकर ने नोटिस दिया और 17 तारीख तक कांग्रेस विधायक दल में शामिल ना होने का कारण पूछा। लेकिन अब सचिन पायलट गुट की ओर से कहा जा रहा है कि ये नियमों का उल्लंघन है। क्योंकि विधायक दल की बैठक में शामिल होना, सदस्यता खत्म करने का तर्क नहीं बन सकता है। अब देखने वाली बात होगी की राजस्थान के इस सियासी दंगल में किसकी जीत होती है।
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