Home International Political महाराष्ट्र में NCP की जबरदस्त पकड़, पवार के खिले चेहरे?
Political - Politics - October 24, 2019

महाराष्ट्र में NCP की जबरदस्त पकड़, पवार के खिले चेहरे?

महाराष्ट्र में भी चुनाव को लेकर बड़ा फेरबदल चल रहा है. जिस पर कांग्रेस की अच्छी पकड़ दिखा दे रही है. वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार क्या आज महाराष्ट्र में अपना किला बचा पाएंगे दरहसल हम अपको बता दें कि समृद्ध क्षेत्रों में से पश्चिमी महाराष्ट्र की इन विधानसभा चुनावों को एक खास अहमियत दी है.जिसे चीनी बेल्ट के नाम से पहचाने जाने वाले पश्चिमी महाराष्ट्र राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार का गढ़ माना जाता है. वही बीजेपी हो या कांग्रेस सभी ने पवार के किले को ढहाने की कई बार कोशिशें कीं लेकिन वह पवार के किले को भेद नहीं सकें. आज के नतीजे से पता चलेगा कि मोदी लहर में पवार अपना किला बचा पाते हैं या नहीं.

बीजेपी की कोशिश रंग लाती है या नहीं : बीजेपी ने किसानों के नेता और मराठा शरद पवार को सत्ता से हटाने के लिए बहुत प्रयास किया है. और सामाजिक-राजनीतिक रूप से ये मराठा समुदाय का प्रमुख क्षेत्र है.जिसमें बीजेपी के धुर विरोधी रहे जिसमें अहमदनगर के राधाकृष्ण विखे पाटिल, सोलापुर के विजयसिंह मोहिते पाटिल का परिवार, सतारा के उदयनराजे भोसले सहित कई और दिग्गजों ने बीजेपी का दामन थाम लिया.

और वही हम अपको बता दे कि पश्चिमी महाराष्ट्र में बीजेपी ने एनसीपी के नेताओं को अपनी पार्टी में लाकर राजनीति के खेल का पूरा पासा पलट दिया है, जिसकी वजह से पवार को पूरे राज्य में आक्रामक प्रचार करना पड़ा. 1999 में कांग्रेस से अलग होने के बाद शरद पवार ने अपने आप को इतना मज़बूत कर लिया था कि उनके बगैर कांग्रेस सरकार नहीं बना सकी. और पश्चिमी महाराष्ट्र ने पवार का हमेशा साथ दिया है. पवार ने सहकारी और निजी चीनी मिलों, टेक्सटाइल मिलों, मिल्क फेडरेशनों, शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से एक-दूसरे को जोड़कर रखने का काम किया था.

वहीं बता दे कि पश्चिमी महाराष्ट्र गन्ना किसानों की ज्यादा आबादी के साथ एक कृषि बेल्ट है. लेकिन, अब किसानों की नाराजगी को देखते हुए ऐसा कहा जा रहा है. कि महाराष्ट्र के गन्ना बेल्ट में शरद पवार की वापसी हो सकती है. महाराष्ट्र के गन्ना किसानों को चीनी मिलों से भुगतान में देरी और बाढ़ की वजह से किसानों को बहुत समस्या का सामना करना पड़ा. इसलिए राज्य के किसान सरकार से नाराज हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में गन्ना बेल्ट में एनसीपी के प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा लगता है कि क्या इतना सब होने के बाद भी शरद पवार अपना किला बचा पाएगें.

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