75 आरोपी प्रकरणांमध्ये भाजप नेते फसवून बलात्कार प्रकरणात
महाराष्ट्र में भाजपा के सत्ता से हटने के बाद से उसके नेताओं और विधायकों के काले कारनामे सामने आने लगे हैं। इसकी चपेट में पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता भी आ गया है जिसके ऊपर बलात्कार का आरोप था लेकिन सत्ता के कारण वह बचता आ रहा था।
अब शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस की सरकार आई तो महिला की शिकायत पर मेहता और उसके साथी के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है और मेहता भागा-भागा फिर रहा है। गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड वाले नरेंद्र मेहता पर करीब 75 मामले दर्ज हैं जिनका जिक्र उसने 2019 के विधानसभा चुनाव के नामांकन के साथ दिए शपथपत्र में किया था।पीड़ित महिला का पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता कई सालों से यौन शोषण करता रहा है और उसे जान से मारने की धमकी देता रहा है। आखिर पीड़िता ने स्टिंग करके मेहता का एक वीडियो बनाया और फिर पुलिस से शिकायत की।बाद में वह वीडियो वायरल भी हो गया था जिसमें दिख रहा था कि भाजपा नरेंद्र मेहता किसी महिला के साथ आपत्तिजनक अवस्था में था।
पीड़ित महिला ने आईजी ऑफिस के बाहर से एक भावनात्मक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किया है। इस वीडियो में पीड़िता ने बताया है कि उन्होंने ही यह स्टिंग कराया था ताकि मेहता के अनैतिक कार्यों से पर्दा उठ सके। महिला का दावा है कि उन्होंने एक साल पहले एसपी से इसकी शिकायत की थी और वीडियो क्लिप पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दी थी। उन्हीं में से किसी ने इसे वायरल किया होगा।
जोपर्यंत देवेंद्र फडणवीस यांच्या नेतृत्वात महाराष्ट्रात भाजपाची सत्ता होती, तोपर्यंत शातिर माजी आमदारावर कोणतीही कारवाई झाली नाही, लेकिन राज्य से भाजपा का सत्ता से बाहर होना मेहता के लिए भारी पड़ गया। महिला की शिकायत पर ठाणे जिले में मेहता के खिलाफ बलात्कार का आरोप दर्ज किया गया है। इस मामले में मेहता और तरकार पर धारा 376 (चुकीची) समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि भाजपा के पूर्व विधायक पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला कॉरपोरेटर हैं।
पीडितेचा आरोप आहे की सर्व वर्ष तिच्याबरोबर 1999 से ही हो रहा है और पूर्व भाजपा एमएलए उनके परिवार के सदस्यों को धमकी भी देते हैं। बहरहाल इस मामले में केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने इसकी तफ्तीश शुरू कर दी है। मीरा रोड पुलिस को दी शिकायत में महिला कॉरपोरेटर ने कहा है कि मेहता ने 1999 मी तिचे लग्न मंदिरात आणि 2003 में उसने मेहता के बेटे को भी जन्म दिया था।एमबीएमसी का मेयर रह चुके मेहता के बुरे दिन अक्टूबर से शुरू हुए जब अक्टूबर 2019 के विधानसभा चुनावों में भाजपा सत्ता से बाहर हो गई। खुद मेहता भी भयंदर सीट से भाजपा की बागी उम्मीदवार गीता जैन से चुनाव हार गया।
गेल्या काही वर्षांत अनेक भाजपा नेत्यांनी महिलांवर गंभीर आरोप केले आहेत., पण ज्या राज्यात भाजपचे सरकार आहे, वहां वह अपने नेताओं के दुष्कर्मों को बचाती रहती है। कुलदीप सिंह सेंगर, स्वामी चिन्मयानंद समेत कई नेताओं पर दुष्कर्म के आरोप लग चुके हैं। रेप के आरोप लगने के बाद बीजेपी ने कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाल दिया था। हाल ही में कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता भी खत्म हो गई है। वहीं स्वामी चिन्मयानंद भी इसी महीने जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा हो चुका है।
ये शब्द वरिष्ठ पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक महेंद्र यादव के अपने विचार है, नेशनल इंडिया न्यूज का इससे कोई संबंध नही है.
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