महाराष्ट्र में बीजेपी की बनी सरकार क्या जनता के हक में होगी बात?
महाराष्ट्र में 23 नवंबर को भारतीय सियासत का सबसे बड़ा उलटफेर हुआ . शनिवार सुबह अचानक बीजेपी नेता देवेंद्र फड़णवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. वहीं एनसीपी के नेता अजीत अनंत पवार ने राज्य के डिप्टी सीएम पद की शपथ ली. जिससे शिवसेना को बड़ा झटका लगा है और वही सुबह तक उद्धव ठाकरे के सीएम बनाए जाने की खबर सामने आ रही थी. दिन में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की बैठक भी होनी थी. लेकिन अचानक सबकुछ बदल गया और बीजेपी-शिवसेना की गठबंधन सरकार बन गई.
वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा और दोनों नेताओं को बधाई दी है.और शपथ ग्रहण के बाद फडणवीस शिवसेना को झटका देने के बाद मीडिया से बातचीत में फडणवीस ने कहा की शिवसेना ने जनादेश का अपमान करते हुए अस्थिरता की स्थिति पैदा की. जिसमें महाराष्ट्र जैसे विकसित और बड़े राज्य में राष्ट्रपति शासन कब तक चलता. और वही शिवसेना ने जो गठबंधन सरकार बनाने की कोशिश की थी. वह अस्थिर सरकार बनती.
ऐसे में राज्य को स्थिर सरकार देने के लिए हम साथ आए हैं. NCP के समर्थन से हमने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी जी को दावा पेश किया. कि मेरा विश्वास है कि महाराष्ट्र में हम स्थायी सरकार दे पाएंगे. शनिवार सुबह तक तीनों दलों की बैठक होने की बात की जा रही थी और शिवसेना के ही 4 नेताओं में सीएम पद पर ताजपोशी को लेकर असमंजस चल रहा था. लेकिन अचानक पांसा पलटा और महाराष्ट्र की सियासत में यह दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया.
महाराष्ट्र में नाटकीय घटनाक्रम के तहत देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री और अजित पवार के उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने पर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि यह अजित पवार का निजी फैसला है. न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का शरद पवार ने ट्वीट कर कहा महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजित पवार का फैसला उनका व्यक्तिगत निर्णय है. यह राकांपा का फैसला नहीं है. हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम इस फैसले का समर्थन नहीं करते.लिहाजा महराष्ट्र में काफी खींचतान के बाद सरकार बन तो गई लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि आखरी जनता के वादे और दावे कब पूरे किए जाएगें. यो तो आने वाला वक्त ही बताएगा.
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