कोरोनाने दिल्लीमध्ये एक नवीन विक्रम नोंदविला, चिंताजनक परिस्थिती
2 महीने बीत जाने के बाद भी कोरोना जस का तस है।और इस वायरस की वजह से लोगों ने अपने परिवार के साथ-साथ रोजगार भी खो दिया। वहीं अब देश में ऐसे हालात आ गए है की बेरोजगारी लगातार बढ़ती जा रही है।और अगर ये वायरस आने वाले समय मे नहीं थमा तो हालात और बिगड़ेंगे।बता दें की इस दौरान बेरोजगारी की दर 24.3 फीसदी रही, जो एक हफ्ते पहले के 24 फीसदी के मुकाबले थोड़ा ज्यादा है।तो वहीं पूरे लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी की औसत दर 24 फीसदी के करीब रही है।
तो वहीं दिल्ली में कोरोना का प्रकोप कम होने की जगह लगातार बढ़ता जा रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में पिछले चौबीस घंटे में 412 कोरोना वायरस के मामले रिपोर्ट हुए हैं।बीते कुछ दिनों में दिल्ली में तेज़ी से मामले बढ़े हैं और इसी के साथ कुल केस का आंकड़ा 14465 पहुंच गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में पिछले चौबीस घंटे में 12 मौतें रिपोर्ट हुई हैं जिसके साथ ही कुल मौतों का आंकड़ा भी 288 पहुंच गया है।जिसके मुताबिक अब दिल्ली में कोरोना वायरस के कुल 7223 एक्टिव केस हैं, जबकि बड़ी संख्या में लोग ठीक हो चुके हैं।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से जो आंकड़े जारी किए गए थे, उसके मुताबिक सोमवार सुबह तक देश में कोरोना वायरस के कुल केस की संख्या 1 लाख 45 हजार पहुंच गई है।जबकि कुल मौतों का आंकड़ा चार हजार के पार पहुंच गया है। अगर दिल्ली की बात करें तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बीते दिन मीडिया से बात की थी,इस दौरान उन्होंने कहा था कि दिल्ली में मामले बढ़ रहे हैं लेकिन चिंता की बात नहीं है।क्योंकि अधिकतर नए केस ऐसे हैं, जिनमें काफी कम लक्षण हैं।वहीं दूसरी तरफ सरकार की ये भी कोशिश है की मौत के आंकड़े को कम से कम रखा जाए।
अरविंद केजरीवाल के मुताबिक, दिल्ली में लगातार कोरोना से ठीक होने वालों की संख्या बढ़ रही है। जो राहत देने वाली खबर है, दिल्ली में चालीस फीसदी से अधिक का रिकवरी रेट है जो देश के कई राज्यों में काफी बेहतर है। दिल्ली सरकार की ओर से लगातार राज्य में कोविड बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है। सरकार के मुताबिक, दिल्ली के प्राइवेट अस्पतालों में अब बीस फीसदी बेड को कोविड के लिए रिजर्व रखा जाएगा. इसी के साथ दिल्ली में दो हजार से अधिक बेड सिर्फ प्राइवेट अस्पताल में सुरक्षित रहेंगे।
अब केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार लगातार इस पर रोक लगाने की बात कर रहे है।लेकिन लगातार सामने आ रहे नए-नए मामले ये साबित कर रहे है की सरकार कोरोना के आगे पूरी तरह पस्त है।लेकिन अब ये आने वाला वक्त ही बताएगा की कब तक इस वायरस पर पूरी तरह रोक लगेगी।या फिर इसका आंकड़ा लगातारा बढ़ता जाएगा।
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