आग की लपटों में झुलस रही राजधानी दिल्ली, अब तक 5 की मौत
CAA के विरोध और समर्थन में सोमवार को दो गुटों में जमकर तीखी झड़प हुई. जिसके बाद मामले ने विक्राल रुप धारण कर लिया. देखते ही देखते राजधानी दिल्ली आग की लपटों में झुलस उठी. जिसके बाद सोमवार को उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून के विरोधी और समर्थक के बीच भिड़ंत हुई और मंगलवार को फिर पत्थरबाजी हुई जिसमें अब तक हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल समेत कुल 5 लोगों की मौत हो चुकी है. दिल्ली पुलिस बल के कई कर्मियों समेत करीब 65 लोग घायल हो गए
वहीं गंभीर स्थिती को देखते हुए एहतियात के तौर पर आज मौजपुर, जाफराबाद, बाबरपुर, गोकुलपुरी और जौहरी ऐन्क्लेव और शिव विहार के मेट्रो स्टेशन बाधित कर दिए गए है. साथ ही हिंसक इलाके में धारों 144 लागू कर दी गई है. साथ ही दिल्ली के नजदीक सभी राज्यों में हाई अलर्ट कर दिया गया है. सभी सरकारी और प्राईवेट स्कूल भी बंद कर दिए है. यहां तक की सरकार ने बोर्ड की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी है.
दरअसल, मंगलवार को भी माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. आज भी कई इलाकों में आगजनी हुई. भोर के समय ही करीब 5 मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया गया, मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी में भी आग लगा दी गई और दूसरी गाड़ी पर पथराव किया गया जिसमें तीन दमकलकर्मी गंभीर रुप से घायल हो गए.
इससे पहले सोमवार को जाफराबाद और मौजपुर इलाके में लोगों ने जमकर पत्थरबाजी की और गाड़ियों में आगजनी की . इस घटना के दौरान एक हेड कॉन्स्टेबल और 2 शख्स की मौत हो गई. दशहत फैलाने वालों ने जाफराबाद और मौजपुर में हो रही हिंसा के बीच डीसीपी की गाड़ी में भी आग लगाई गई. जिसमें डीसीपी अमित शर्मा गंभीर रुप से जख्मी हो गए. गंभीर हालात में उन्हें पटपड़गंज के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके साथ ही हिंसक प्रदर्शनकारियों ने भजनपुरा के पेट्रोल पंप को भी फूंक डाला.
बता दें कि इस प्रदर्शन की शुरुआत बीते शनिवार रात से हुई. जहां सीएए के विरोध में महिलाएं जुटनी शुरु हुई. जाफराबाद में मेट्रो स्टेशन के नीचे एक ओर की सड़क जाम कर दी गई. जिसके बाद यह प्रदर्शन आग के शोलों में तब्दली हो गया. और आज इस हिंसक प्रदर्शन का चौथा दिन है जिसमें कोई स्थिरता नही दिख रही है. सरकार की ओर से भी प्रदर्शन को काबू में करने के लिए कोई कड़े इंतजाम नही किए गए. राजधानी दिल्ली अब बस आग में झुलस के रह गई है जहां चारों ओर तहलका मचा हुआ ही नजर आ रहा है. देखना यह है कि सरकार कोई ठोस कदम कब तक उठाएगाी.
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