Home Social Politics जीतने वाले भी डरे हुये हैं !
Politics - State - May 24, 2019

जीतने वाले भी डरे हुये हैं !

~ krishan kalpit ~

इस प्रचंड बहुमत के बुलडोजर ने सभी को कुचल दिया है । बुलडोजर जब चलता है तो अपना पराया नहीं देखता । इस बुलडोजर ने इस अपूर्व बहुमत की आधारशिला रखने वालों को भी कुचल दिया है ।

इस बहुमत की राजधानी अब नागपुर नहीं मुम्बई हो गई है । नागपुर वालों के पास थोड़े दिन बाद Z Plus सुरक्षा में बैठकर संतरे चूसने के अलावा कोई काम नहीं रहने वाला । खेल उनके हाथ से निकल चुका है ।

अल्पसंख्यक ही नहीं बहुसंख्यक भी इस बहुमत से डर गये हैं । गुजराती भी गुजराती से डरा हुआ है । ताक़तवर मंत्री-संतरी भी डरे हुये हैं । पता नहीं कब कौन किसका काम तमाम करदे । कौन किसको बर्फ़ में लगादे । सब आशंकित हैं और पागल भीड़ नारे लगा रही है । इस शोर-शराबे और चीख-पुकार में भारतमाता का आर्तनाद किसी को सुनाई नहीं पड़ रहा ।

राष्ट्रवाद पूंजीवाद का ऐसा प्रिय पुत्र है जिसे नफ़रत की ख़ुराक़ पर बड़ा किया जाता है और इतिहास गवाह है कि यह अंत में अपने पालक को ही निगल जाता है ।

पलक झपकते छूमंतर हो जायेगा
जो इन पगलाई भीड़ों के आगे है !

मानस भवन में आर्यजन जिसकी उतारें आरती
भगवान भारतवर्ष में गूँजे हमारी भारती !

आज एक बार यह फिर साबित हुआ कि यह देश सपेरों, नटों, मदारियों, जादूगरों, तस्करों, ठगों, गोरक्षकों, टपोरियों, मवालियों, एन्चकतानों, लालबुझक्कड़ों, बहुरूपियों और मूर्ख टीवी एंकरों का है । आप सबको बहुत-बहुत मुबारक । तमाशा ख़त्म हुआ । अब सब अपने-अपने घर जायें !

मेरी क्या औक़ात है; मैं तो कुछ दिनों से डरा हुआ ही हूँ, मुझे डराने की ज़रूरत नहीं है – उसने नागपुर स्थित सर्वशक्तिमान सांस्कृतिक-संगठन को भी डरा दिया है !

गडकरी का सिल्क का नया नीला कुर्ता कुछ काम नहीं आया । एक भारतीय-घांची ने चितपावन-यहूदियों को आज आईना दिखा दिया ।

उसने कहा कि यह विजय नहीं विश्व-विजय है । धर्मनिरपेक्षता (Secularism) और जात-पांत का हमने दाह-संस्कार कर दिया है । अब दुनिया में दो ही जातियाँ हैं । एक ग़रीब और दूसरा अमीर । अमीर तो ग़रीबी मिटाना चाहता है । हमें दोनों को मज़बूत करना है । ग़रीब और अमीर दोनों को मज़बूत करने वाला मसीहा पहली बार पैदा हुआ है ।

इसे शांति का नहीं तो अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार दिया जा सकता है । अगर नहीं दिया तो ये ख़रीद सकता है ।

उसने यह भी कहा कि अभी तक किया तो किया लेकिन अब मैं बदनीयती से काम नहीं करुँगा । अमर सिंह तो बिरला और भारतीय सेठों और बॉलीवुड का दलाल था लेकिन यह आदमी कॉरपोरेट का सबसे बड़ा दलाल है ।

उसने कहा कि मैं तो कुछ भी नहीं हूँ भारतीय जनता ही मेरी प्रेरणास्रोत है । अगर कुछ ग़लत हो गया तो मुझे नहीं भारतीय जनता को गिरफ़्तार करना !

Krishna Kalpit

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

बाबा साहेब को पढ़कर मिली प्रेरणा, और बन गईं पूजा आह्लयाण मिसेज हरियाणा

हांसी, हिसार: कोई पहाड़ कोई पर्वत अब आड़े आ सकता नहीं, घरेलू हिंसा हो या शोषण, अब रास्ता र…