Home State Uttar Pradesh & Uttarakhand उत्तर प्रदेश में 66000 शिक्षकों के लिए खुशखबरी
Uttar Pradesh & Uttarakhand - April 28, 2017

उत्तर प्रदेश में 66000 शिक्षकों के लिए खुशखबरी

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के 66000 सहायक शिक्षकों के लिए सुप्रीमकोर्ट से खुशखबरी के संकेत आये हैं। कोर्ट ने गुरुवार को सहायक शिक्षक भर्ती मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कहा कि भर्ती हो चुके करीब 66000 सहायक शिक्षको को नहीं छेड़ा जाएगा। कोर्ट भविष्य में भर्ती के मानक तय करने पर अपना फैसला सुनाएगा। दूसरी तरफ शिक्षा मित्रों का मामला सुप्रीमकोर्ट ने मुख्य मामले से अलग कर दिया है और शिक्षा मित्रों के मामले पर कोर्ट 2 मई को सुनवाई करेगा। ये मामला उत्तर प्रदेश में प्राथमिक स्कूलों में 2011 की सहायक शिक्षक भर्ती योजना का है जिसमें 72825 शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन निकाला गया था। भर्तियां हुईं लेकिन 20 नवंबर 2013 को हाईकोर्ट ने शिक्षक योग्यता मानदंडों से जुड़ा राज्य सरकार का 15वां संशोधन रद करते हुए भर्तियां निरस्त कर दी थीं। ये मामला भर्ती मानकों से जुड़ा है। यह होना है कि सहायक शिक्षकों की भर्ती का मानदंड सिर्फ टीईटी होगा या फिर एकेडेमिक मेरिट मानक होगी। इस मामले मे उत्तर प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दी है।गुरुवार को न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल व न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए साफ किया कि कोर्ट अभी तक भर्ती हो चुके 66000 शिक्षकों को नहीं छेड़ेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि वो अपने अंतरिम आदेश में कोई बदलाव नहीं कर रहा है। इससे पहले प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील दिनेश द्विवेदी और राकेश मिश्रा ने हाईकोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि टीईटी को शिक्षक योग्यता का एकमात्र मानक नहीं माना जा सकता इसे भर्ती में 10 या 20 फीसद महत्व दिया जा सकता है लेकिन ये एकमात्र आधार नहीं हो सकता। सरकार द्वारा एकेडमकि मेरिट को आधार मानना ठीक है। उन्होंने यह भी कहा कि भर्ती के मानक तय करना सरकार के कार्यक्षेत्र में आता है क्योंकि ये विषय राज्य सूची का है। दूसरी और सहायक शिक्षकों की ओर से पेश वकील अमरेन्द्र शरण और जीतेन्द्र कुमार त्रिपाठी ने हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि टीईटी ही मानक होना चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार ने 12वें संशोधन के जरिये टीईटी को सहायक शिक्षक भर्ती का एकमात्र मानक माना था। बाद में सरकार ने इसे बदल दिया। जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंचा था। शिक्षामित्रों के मामले को कोर्ट ने इस मामले से अलग कर दिया है। कोर्ट शिक्षामित्रों के मामले में 2 मई को सुनवाई करेगा। कुल 169000 शिक्षामित्रों के समायोजन का यह मामला है। अभी तक 137000 शिक्षामित्र समायोजित हो चुके है। हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन को निरस्त कर दिया था जिसके बाद मामला सुप्रीमकोर्ट में लंबित है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

Remembering Maulana Azad and his death anniversary

Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…