सोनभद्र:आदिवासियों का नरसंहार, क्या नेताओं, अधिकारियों और ताकतवर लोगों की मिली-भगत?
By- सिद्धार्थ रामू ~
सोनभद्र में आदिवासियों का नरसंहार, कुछ नहीं कर सकते दो बूंद आंसू तो बहा ही लीजिए। वे भी आपके अपने ही हैं। थोड़े देर के लिए ही सही उन्हें अपना मान लीजिए। जान लीजिए, देख लीजिए कितनी निर्ममता से उन्हें गोलियों से भूना गया है। कैसे एक महान आईएएस अफ़सर ने उनके खेत, अपनी बीबी और मां के नाम कराया। कैसे उसे एक बर्बर प्रधान को बेचा।
क्या यह सबकुछ नेताओं, अधिकारियों और ताकतवर लोगों की मिली-भगत के बिना हो सकता था। वक़्त निकाल कर ताकतवर लोगों के असली चेहरे को देख लीजिए। इस नरसंहार के गुनाहगारों की तलाश कीजिए।
इन रोते-बिलखते लोगों को थोड़े देर के लिए अपना मान लीजिए। देखिए, सोचिए इन पर क्या बीती है। शर्म से सिर झुका जाएगा, यह सोच कर की हम कैसे समाज में जी रहे हैं, यह मेरा ही देश है, जहाँ ऐसा तांडव दिन दहाड़े हो रहा है।
~ Sidharth Ramu
Remembering Maulana Azad and his death anniversary
Maulana Abul Kalam Azad, also known as Maulana Azad, was an eminent Indian scholar, freedo…