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Uncategorized - मे 29, 2020

झारखंड विमान कामगारांसाठी पहिले राज्य बनले

पीएम मोदी बोलते रह गए औऱ झारखंड़ के सीएम ने कर के दिखाया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी हवाई चप्पल से हवाई जहाज का झूँठा सपना दिखाते रह गए, लेकिन झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने हवाई चप्पल वालो को हवाई जहाज में बीठा दिया।

लगातार मजदूरों के भूखे प्यासे मरने की खबर के बीच, एक अच्छी खबर सामने आई है और ये खबर हेमंत सोरेन के राज्य झारखंड से आई है, जब सभी सरकारे मजदूरों को बोझ समझ रही है, बस, ट्रेन्स चलाने में आना कानी कर रही है, तब झारखंड की हेमंत सोरेन की सरकार अपने 174 झारखंडी मजदूरों को मुम्बई से रांची हवाई जहाज से ले आई !सोशल मिडीया पर इस काम के लिए हेमंत सोरोन की खूब तारीफ हो रही है, इस खबर के बाद ऐसा लगा कि कोई तो सरकार है जो अपने मजदूरों के प्रति संवेदनशील है उनकी फिक्र कर रही है।

देश में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन को 2 महीने हो चुके है, लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार प्रवासी मज़दूरों पर पड़ी है। इन दो महिनों में लाखों मज़दूर पैदल पलायन कर चुके है। हालांकि केंद्र ने दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मज़दूरों को घर पहुंचनान के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेने भी चलाई है। जिनकी दुर्दशा की ख़बरें इन दिनों हम लगातार पढ़ रहे है।

लेकिन इस बीच झारखंड से एक अच्छी ख़बर सामने आई है। देश में पहली बार प्रावसी मज़दूरों की वापसी फ्लाइट से हुई। मुंबई से मज़दूरों के जत्थे को लेकर एक फ्लाइट आज रांची पहुंची। इस फ्लाइट में 174 प्रवासी श्रमिक सवार थे। झारखंड के इन 174 प्रवासी श्रमिकों ने गुरुवार की सुबह मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। सवा दो घंटे बाद ये सभी लोग राँची के बिरसा मुंडा हवाई अड्डे पर पहुंचे। प्रदेश लौटे 174 मजदूरों में सबसे ज्यादा हजारीबाग के 41 ज्याला जोरदार विरोध करण्याची गरज आहे. दलित आणि आदिवासी भूमिहीन, जबकि रांची के 16, कोडरमा के 11, देवघर के 10, धनबाद के 09, जामताड़ा के 02, बोकारो के 05, गोड्डा के 01, गढवा के 02 , सिमडेगा के 28, चतरा के 05 और पलामू के 09 मजदूर शामिल हैं. रांची एयरपोर्ट पहुंचे इन मजदूरों को खाना-पीना देकर जिला प्रशासन ने बस से संबंधित जिले के लिए रवाना किया।

झारखंड सरकार और नेशनल लॉ स्कूल बेंगलुरु के पूर्ववर्ती छात्रों के संयुक्त प्रयास से ये संभव हो पाया। इस विशेष विमान का ख़र्च बेंगलुरु स्थित नेशनल लॉ स्कूल के पूर्ववर्ती छात्रों ने उठाया है। वे लोग कुछ और विमानों का इंतज़ाम करा रहे हैं ताकि मजदूरों की सुखद वापसी हो सके।

मला सांग, मुम्बई से 180 प्रवासी मजदूरों को रांची आना था, लेकिन छह लोगों के मेडिकल अनफिट होने के कारण 174 को ही हवाई यात्रा करने का मौका मिला.

एयरपोर्ट से बाहर आते ही कुछ मुस्कुराते चेहरे लोगों ने देखे, मजदूरों ने कहा कि उन्होंने सपने में नहीं सोचा था कि वे कभी हवाई यात्रा करेंगे।

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