राज्य सरकार विक्री होईल, आता दुसरे मोठे बीपीसीएल भारतात चालू !
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था मैं देश नहीं बिकने दूंगा, लेकिन उनकी सरकार ही देश की सरकारी कंपनियों को बेच रही है. इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार की सरकारी तेल रिफिइनरी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL)को बेचने का पूरा हिसाब तय कर लिया है.
वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने अपने राजकोषीय घाटे के चलते एक और कंपनी को बेचने का फैसला ले लिया है. कंपनी बेचने के बाद घाटे से निपटने के लिए सरकार अपनी कंपनियों का निजीकरण और विनिवेश करके पैसे जुटाती है. इसी के चलते सरकार ने भारत की ऑयल रिफायनिंग में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी पेट्रोलीयम कॉरपोरेशन लीमीटेड की बोली मंगाई है. विनिवेश के बाद सरकार का एकाधिकार पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.
इसके साथ ही मोदी सरकार ने लगभग 28 कंपनियों को बेचने का निर्णय ले लिया है. इन सभी कंपनियों को बेचने के लिए सरकार ने पूरी तरह हांमी भर दी है. निजीकरण और विनिवेश को अक्सर एक साथ इस्तेमाल किया जाता है लेकिन निजीकरण इससे अलग है. इसमें सरकार अपनी कंपनी में हमेशा अपने से ज़्यादा हिस्सा किसी कंपनी को बेचती है जिसके कारण कंपनी का मैनेजमेंट सरकार से हटकर ख़रीदार के पास चला जाता है.
गौरतलब है कि मोदी सरकार हमेशा से ही कांग्रेस पर तंज कसती रही है कि 70 सालों तक सत्ता में रहने के बाद आखिर उन्होंने किया ही क्या है, अगर उन्होंने कुछ नही किया तो मोदी सरकार इतनी बरसों पुरानी कंपनियां क्यों बेच रही है. जेएनयू के इतने हाल बेहाल कैसे हो रहे है. अगर कांग्रेस ने कुछ किया ही नही है तो आपने क्या किया है ? जब से सत्ता में आए तब से केवल देश की संपत्ति बेचने और देश को उजाड़ने का ही काम किया है.
बता दें कि जब नवंबर में मोदी सरकार ने कंपनियों को बेचने पर अपने विचार साझा किए थे तभी कुमार विश्वास ने प्रधानमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए ट्वीट कर कहा था कि हनक सत्ता की सच सुनने की आदत बेच देती है,हया को,शर्म को आख़िर सियासत बेच देती है,निकम्मेपन की बेशर्मी अगर आँखों पे चढ़ जाए, तो फिर औलाद, “पुरखों की विरासत” बेच देती है ! मोदी सरकार के एक के बाद एक ऐसे भयावह फैसले लेने के बाद तो अंदाजा लगाया जा ही सकता है कि वो दिन दूर नही जब देश बिकने की कगार पर होगा.
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